कोलकाता, 19 जून ।नदिया जिले के कालीगंज विधानसभा सीट पर गुरुवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उपचुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया। लगातार बारिश के बावजूद सुबह से ही छाता लेकर मतदान केंद्रों के बाहर कतारों में मतदाता खड़े नजर आए।

इस उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और वाम-कांग्रेस गठबंधन के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। दिवंगत तृणमूल विधायक नासिरउद्दीन अहमद की बेटी अलिफा अहमद को तृणमूल ने अपना प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने आशिष घोष को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने वाममोर्चा के समर्थन से काबिलउद्दीन शेख को प्रत्याशी बनाया है।

मतदान के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे की व्यवस्था की गई है। कुल 14 कंपनियां केंद्रीय बलों की और लगभग 700 पुलिसकर्मी चुनाव ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा 20 क्विक रिस्पॉन्स टीम और रैपिड एक्शन फोर्स की छह टीमें भी निगरानी में जुटी हैं। सभी 100 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है। राज्य, जिला और विधानसभा स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं, जहां हर स्तर पर एक नोडल अधिकारी निगरानी कर रहे हैं।

इस बार कालीगंज सीट पर कुल 309 मतदान बूथों के जरिए 162 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हो रही है। कुल मतदाता संख्या दो लाख 52 हजार 670 है। चुनाव आयोग द्वारा हाल में जारी अंतिम मतदाता सूची से पांच हजार 840 नाम हटाए गए हैं, जिनमें तीन हजार 426 मतदाता मृत पाए गए। क्षेत्र में अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है, जो चुनाव के नतीजों में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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पुराना रुझान तृणमूल के पक्ष में

2011 और 2021 के विधानसभा चुनावों में कालीगंज से तृणमूल ने जीत दर्ज की थी। पिछले विधानसभा चुनाव में नासिरउद्दीन अहमद ने भाजपा के अभिजीत घोष को 46 हजार 987 वोटों के बड़े अंतर से हराया था। उस चुनाव में तृणमूल को एक लाख 11 हजार 696 वोट मिले थे, जबकि भाजपा को 64 हजार 709 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। यह विधानसभा क्षेत्र कृष्णानगर लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी विधानसभा स्तर पर तृणमूल को भाजपा पर 30 हजार से अधिक वोटों की बढ़त मिली थी।

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परिणाम 23 जून को

इस चुनाव के नतीजे 23 जून को घोषित किए जाएंगे। बारिश के बावजूद लोगों का उत्साह मतदान को लेकर साफ नजर आ रहा है, जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि मुकाबला बेहद कड़ा होने वाला है और हर वोट निर्णायक साबित हो सकता है।