कोलकाता, 25 अप्रैल । पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार और खुफिया एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। इसी क्रम में कोलकाता में लॉन्ग टर्म वीज़ा (एलटीवी) पर रह रहे 30 पाकिस्तानी नागरिकों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। इनमें से अधिकांश महिलाएं हैं, जो कोलकाता के स्थानीय वासियों से विवाह कर चुकी हैं।

खुफिया विभाग के सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में 30 पाकिस्तानी नागरिक कोलकाता में एलटीवी के तहत रह रहे हैं। यह वीजा उन पाकिस्तानी नागरिकों को दिया जाता है, जो भारत में विवाह के उपरांत यहां बसते हैं। शुरुआत में पांच वर्ष का वीजा दिया जाता है, जिसके बाद उसे एक या दो वर्षों की अवधि में नवीनीकृत कराना होता है। हर बार वीजा नवीनीकरण से पहले खुफिया जांच अनिवार्य होती है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद खुफिया एजेंसियों ने कोलकाता के इन पाकिस्तानी नागरिकों की रोजमर्रा की गतिविधियों और संपर्कों पर पैनी नजर रखनी शुरू कर दी है। खासकर यह पता लगाया जा रहा है कि ये लोग किन लोगों से संपर्क में हैं और क्या उनके भारतीय नागरिकों के साथ रिश्ते सिर्फ पारिवारिक हैं या इसमें कुछ और उद्देश्य छिपा है।

खुफिया विभाग को जानकारी मिली है कि इन पाकिस्तानी महिलाओं का अपने मायके पक्ष से नियमित संवाद होता है। हालांकि यह संवाद सामान्य पारिवारिक माना जा सकता है, लेकिन एजेंसियों ने अब यह भी जांच शुरू की हैं कि क्या इन संबंधों के माध्यम से भारत में रह रहे अन्य लोग भी पाकिस्तान के संपर्क में तो नहीं आ रहे। अगर ऐसा है तो इसका उद्देश्य क्या है, यही जानने के लिए निगरानी तेज कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को सार्क वीजा योजना के तहत दिए गए वीजा रद्द कर दिए थे।इसके अगले दिन गुरुवार को केंद्र सरकार ने पाकिस्तानियों को दिए गए सभी वीजा रद्द कर दिए और उनसे जल्द से जल्द पाकिस्तान लौटने के लिए कहा है। हालांकि, अभी तक कोलकाता में ऐसे किसी पाकिस्तानी नागरिक की पुष्टि नहीं हो सकी है। फिर भी खुफिया एजेंसियां यह सुनिश्चित करने में लगी हैं कि कोई पाकिस्तानी नागरिक सार्क वीजा पर कोलकाता में मौजूद न हो। खुफिया विभाग का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी तो एलटीवी पर रह रही पाकिस्तानी महिलाओं और उनके परिजनों से भी पूछताछ की जाएगी।