नई दिल्ली, 31 जनवरी । लॉजिस्टिक्स सेक्टर की कंपनी जीबी लॉजिस्टिक्स कॉमर्स लिमिटेड के शेयरों की लिस्टिंग से आज कंपनी के निवेशकों को जबरदस्त नुकसान हुआ। कंपनी के शेयरों की स्टॉक मार्केट में जोरदार डिस्काउंट के साथ एंट्री हुई। इसके थोड़ी देर बाद ही ये शेयर गिरकर लोअर सर्किट लेवल पर पहुंच गया। हालांकि थोड़ी देर बाद ही लिवाली शुरू हो जाने के कारण ये शेयर लोअर सर्किट ब्रेक करके कारोबार करने लगा।
आपको बता दें कि आईपीओ के तहत कंपनी ने 102 रुपये के भाव पर शेयर जारी किए थे। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के एसएमई प्लेटफॉर्म पर कंपनी के शेयर 20 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 81.60 रुपये के स्तर पर लिस्ट हुए। लिस्टिंग के तुरंत बाद बिकवाली के दबाव के कारण थोड़ी ही देर में ये शेयर 77.55 रुपये के लोअर सर्किट लेवल पर पहुंच गया। हालांकि थोड़ी ही देर बाद एक बार फिर लिवाली शुरू होने से ये शेयर लोअर सर्किट ब्रेक करके कारोबार करने लगा। सुबह 11 बजे तक के कारोबार के बाद जीबी लॉजिस्टिक्स कॉमर्स लिमिटेड के शेयर 82 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे।
जीबी लॉजिस्टिक कॉमर्स लिमिटेड का 25.07 करोड़ रुपये का आईपीओ 24 से 28 जनवरी के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से जोरदार रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 184.64 गुना सब्सक्राइब हो गया था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 25.12 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 543.55 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 121.88 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 24.58 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपने पुराने कर्ज की अदायगी करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉर्पोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक 2023-24 में कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 115.62 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान कंपनी को 4.86 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर 2024 के बीच कंपनी को 2.53 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हो चुका है। इसी तरह इस अवधि में कंपनी 50.85 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल कर चुकी है। इसके साथ ही कंपनी पर 20.07 करोड़ रुपये का कर्ज भी लदा हुआ है।