इस्लामाबाद, 29 नवंबर। कई मोर्चों पर बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी संघीय राजधानी के डी-चौक पर प्रदर्शन की विफलता से खफा हैं। वह हाल ही में रावलपिंडी सेंट्रल जेल (अदियाला जेल) से जमानत पर छूटी हैं। उनके पति खान करीब सालभर से इसी जेल में कैद हैं। इस प्रदर्शन का मकसद खान की रिहाई के लिए हुकूमत पर दबाव डालना था।देशभर से पहुंचे प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व खुद बुशरा और पार्टी के कद्दावर नेता खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने किया। हुकूमत के सख्त रुख के कारण प्रदर्शनकारियों के काफिले और दोनों को डी-चौक से पीछे हटना पड़ा। बुशरा बीबी के प्रवक्ता मशाल यूसुफजई ने एक्स हैंडल पर कहा है कि पार्टी संस्थापक को अब प्रदर्शन की विफलता के लिए जवाबदेही तय करनी चाहिए। इसमें कहा गया कि इमरान खान के निर्देशों के अनुसार बुशरा बी डी-चौक पहुंचीं। वहां पर पार्टी का बाकी नेतृत्व नहीं था। इमरान खान को इन लोगों को जवाबदेह ठहराना चाहिए। प्रवक्ता ने साफ किया कि बुशरा बीबी ने न तो पार्टी की राजनीतिक समिति की बैठक में भाग लिया और न ही इसकी अध्यक्षता की। बुशरा बीबी की यह सफाई संघीय राजधानी में पीटीआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ सरकारी कार्रवाई और विरोध प्रदर्शन के अचानक समाप्त होने के बाद मची हलचल के बीच आई है। इस बीच पीटीआई नेता शेर अफजल मारवत ने कहा है कि पीटीआई संस्थापक सरकार के संगजानी में विरोध प्रदर्शन करने के प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। प्रदर्शन के अचानक खत्म होने पर पार्टी महासचिव सलमान अकरम राजा और सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के अध्यक्ष साहिबजादा हामिद रजा इस्तीफा दे चुके हैं।