कोलकाता, 27 नवंबर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों के चिटफंड घोटाले के मामले में पश्चिम बंगाल स्थित प्रयाग ग्रुप के दो निदेशकों बासुदेव बागची और अभिक बागची को गिरफ्तार किया है। यह कंपनी लंबे समय से ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में थी। ईडी ने कोलकाता में कंपनी से जुड़े कई स्थानों और दोनों निदेशकों के आवासों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाने के बाद इन्हें गिरफ्तार किया।

प्रयाग ग्रुप पर मल्टी-लेवल मार्केटिंग योजनाओं के तहत लोगों से भारी धनराशि जुटाने, हवाला के जरिए पैसे को बाहर भेजने, निवेशकों को तय रिटर्न देने में धोखाधड़ी करने और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए काले धन को सफेद करने के गंभीर आरोप हैं। यह पहली बार नहीं है जब इन दोनों निदेशकों को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले इन्हें सीबीआई ने ओडिशा में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया था। उस समय कंपनी पर पश्चिम बंगाल, ओडिशा, त्रिपुरा और असम में अवैध तरीके से जनता से धन जमा करने का आरोप लगा था।

ईडी के अनुसार, प्रयाग ग्रुप ने विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग दो हजार करोड़ रुपये जुटाए। जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों निदेशक पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी के बेहद करीबी हैं। पार्थ चटर्जी वर्तमान में स्कूल नौकरी घोटाले के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

पश्चिम बंगाल में चिटफंड घोटालों का इतिहास काफी पुराना है। 1980 में संचित घोटाले के बाद राज्य में लंबे समय तक शांति रही, लेकिन 2012 में शारदा और रोज़ वैली जैसे घोटालों ने फिर से राज्य को हिला दिया। अब प्रयाग ग्रुप का यह मामला राज्य में चिटफंड घोटालों की कड़ी में एक और बड़ा मामला बन गया है।