कोलकाता, 05 नवंबर । पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों ने  आर.जी. कर अस्पताल में सहकर्मी की हत्या और बलात्कार के मामले में सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट में गंभीर खामियों का आरोप लगाते हुए मंगलवार को प्रदर्शन किया। इन्होंने वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) के नेतृत्व में यह प्रदर्शन न्याय की मांग के लिए किया गया, जिसमें डॉक्टरों ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए।

प्रदर्शनकारियों ने सीबीआई पर सवाल उठाते हुए पूछा कि साक्ष्यों को एकत्र करने के बाद फोरेंसिक जांच के लिए भेजने में पांच दिन क्यों लगे। उन्होंने चार्जशीट में इस देरी का जवाब न मिलने पर नाराजगी जताई। डॉक्टरों का मानना है कि इस तरह की देरी से जांच और पीड़िता को न्याय मिलने में बाधा आ सकती है।

चार्जशीट में अहम जानकारियों की कमी

डब्ल्यूबीजेडीएफ ने सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट में कई महत्वपूर्ण जानकारियों की कमी पर भी सवाल उठाया। एक प्रमुख मुद्दा यह है कि चार्जशीट में मुख्य आरोपित संजय रॉय के उन 27 मिनट के दौरान की गतिविधियों का जिक्र नहीं किया गया है, जब 3:36 से लेकर 4:03 बजे तक पीड़िता का शव मिला था। डॉक्टरों का मानना है कि इस समय में हुए घटनाक्रम से महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते थे, लेकिन चार्जशीट में इसे शामिल नहीं किया गया है।

फोरेंसिक साक्ष्यों पर चुप्पी

डॉक्टरों ने चार्जशीट में एक महत्वपूर्ण फोरेंसिक सबूत के अभाव को लेकर भी चिंता जताई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर पाए गए “सफेद चिपचिपे तरल” का उल्लेख है, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने सवाल किया कि क्या इसका डीएनए परीक्षण कराया गया। चार्जशीट में इस सबूत का जिक्र न होने से जांच पर सवाल उठ रहे हैं।

सीबीआई की प्रारंभिक जांच पर भी उठाए सवाल

प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि सीबीआई की चार्जशीट ज्यादातर कोलकाता पुलिस की प्रारंभिक जांच पर आधारित है, जिसने इस मामले की जांच सबसे पहले शुरू की थी। बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंपा। डॉक्टरों ने पूछा कि क्या सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल करने से पहले कोई गहन जांच की, क्योंकि उन्हें लगता है कि कई अहम सबूत इसमें शामिल नहीं किए गए हैं।

यह विरोध प्रदर्शन, जिसमें हजारों लोग शामिल हैं, कोलकाता के उत्तरी हिस्से में स्थित सीबीआई के साल्ट लेक कार्यालय के बाहर किया जा रहा है। डब्ल्यूबीजेडीएफ ने मामले में पूरी और शीघ्र जांच की मांग की है, ताकि आरोपी को कड़ी सजा दी जा सके और पीड़िता को न्याय मिल सके।