सीमा शुल्क में छूट और जीएसटी दर में कटौती के बाद इन दवाओं की एमआरपी कम होगी

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर। सीमा शुल्क से छूट और वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती के बाद तीन कैंसर रोधी दवाओं (ट्रैस्टुजुमाब, ओसिमर्टिनिब और डुरवालुमाब) की अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) तय होगी। राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने दवा निर्माताओं को इन तीन कैंसर रोधी दवाओं पर एमआरपी कम करने का निर्देश दिया है।

रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि सीमा शुल्क में छूट और जीएसटी दरों में कटौती के बाद एनपीपीए ने दवा निर्माताओं को तीन कैंसर रोधी दवाओं की एमआरपी घटाने का निर्देश दिया है। मंत्रालय के मुताबिक एनपीपीए ने 28 अक्टूबर को जारी कार्यालय ज्ञापन में संबंधित निर्माताओं को तीन कैंसर रोधी दवाओं पर एमआरपी कम करने का निर्देश दिया है। यह वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट में की गई घोषणा के मुताबिक है, जिसमें इन तीन कैंसररोधी दवाओं को सीमा शुल्क से छूट दी गई है।

मंत्रालय ने कहा कि यह किफायती कीमतों पर दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। ज्ञापन में विनिर्माताओं को निर्देश दिया गया है कि कि वे डीलरों, राज्य औषधि नियंत्रकों और सरकार को एक मूल्य सूची या अनुपूरक मूल्य सूची जारी करें, जिसमें बदलावों का संकेत दिया जाए और मूल्य परिवर्तन के संबंध में फॉर्म-II या फॉर्म-V के माध्यम से एनपीपीए को जानकारी प्रस्तुत की जाए।

केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट 2024-25 में कैंसर से पीड़ित लोगों के वित्तीय बोझ घटाने के लिए तीन कैंसर दवाओं पर सीमा शुल्क में छूट देने का ऐलान किया था। सरकार ने इन तीन कैंसर दवाओं पर जीएसटी दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।

उल्‍लेखनीय है कि ट्रैस्टुज़ुमैब डेरक्सटेकन दवा का उपयोग स्तन कैंसर के लिए किया जाता है, ओसिमर्टिनिब का उपयोग फेफड़ों के कैंसर के लिए किया जाता है, जबकि ड्यूरवालुमैब फेफड़ों के कैंसर और पित्त पथ के कैंसर दोनों के लिए है।