नई दिल्ली, 25 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ बातचीत में भारतीय बच्ची अरिहा शाह का मुद्दा भी उठाया। भारतीय पक्ष ने जर्मन पक्ष को इस बात से अवगत कराया कि एक भारतीय बच्चे का दूसरे धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई वातावरण बड़ा होना ठीक नहीं है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भारत-जर्मनी और दोनों नेताओं के बीच हुए संवाद पर आयोजित पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक जर्मन पालक की देखरेख में पल बढ़ रही अरिहा शाह का मामला विभिन्न स्तरों पर उठाया जा रहा है। यह मुद्दा आज बैठक के दौरान भी उठाया गया। चांसलर ने प्रधानमंत्री मोदी को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे पर करीब से नजर रख रहे हैं।

अरिहा के पिता वर्क वीजा पर जर्मनी में बतौर इंजीनियर काम करते थे। जर्मन प्रशासन ने अरिहा के माता-पिता पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उसे अपनी कस्टडी में ले लिया था। पूरे मामले पर अरिहा के माता-पिता का कहना है कि एक मामूली दुर्घटना में बच्ची को चोट लग गई थी। इसे अधार बनाते हुए जर्मन प्रशासन ने ऐसा किया है। बच्ची 23 सितंबर 2021 से जर्मनी के यूथ वेलफेयर ऑफिस के पास है। वह तब 7 महीने की थी। अब उसकी उम्र 3 साल से अधिक है और वह बर्लिन में एक फोस्टर केयर सेंटर में रह रही है।