उज्जैन, 7 सितंबर । विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में परम्परा के अनुसार शनिवार को भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (गणेश चतुर्थी) के अवसर पर भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल विशेष रूप से गणेश स्वरूप में शृंगार किया गया। सुबह भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल की जयकारे भी लगाए, जिससे पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा।

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित विकास शर्मा ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सुबह 4 बजे भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर महाकालेश्वर मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया। साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। इसके बाद भगवान महाकाल का श्री गणेश स्वरूप में शृंगार किया गया। पुत्र के रूप में बाबा महाकाल का शृंगार देखकर श्रद्धालु काफी आनंदित हुए। इस अलौकिक शृंगार को जिसने भी देखा, वह देखता ही रह गया।

भगवान का विशेष शृंगार कर उन्हें नवीन शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण कराया गया और इसके बाद फल व मिष्ठान का भोग लगाकर आरती की गई। तत्पश्चात महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती में शामिल होकर लाभान्वित हुए। रोजाना की तरह हज़ारों भक्तों ने भस्म आरती में भगवान के दर्शन किए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल और जय श्री गणेश का उद्घोष भी किया।