रायपुर 25 अक्टूबर। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सोशल मीडिया चेयरमैन सुप्रिया श्रीनेत ने कांग्रेस की गारंटियों पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर ग़रीबों शोषितों आदिवासियों किसानों के लिए काम करना और उनकी भलाई करना रेवड़ी बांटना है तो देश में रेवड़ियां और बंटनी चाहिये।

सुश्री श्रीनेत ने बुधवार को यहां प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों के चुनाव की सारी लड़ाई अंततोगत्वा रेवड़ी और रबड़ी पर आकर टिक गई है। हमने ग़रीबों शोषितों वंचितों आदिवासियों के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया तो उसको प्रधानमंत्री मोदी रेवड़ी बताते हैं। उन्होंने अडानी के लिए दिन रात मेहनत की लेकिन उस रबड़ी पर चर्चा नहीं करते।

उन्होने कहा कि आज जब छत्तीसगढ़ का चुनाव मुहाने पर है तो कांग्रेस सरकार अपने काम के दम पर,अपने रिपोर्ट कार्ड पर जनता से वोट माँग रही है और भाजपा एक बार फिर से जुमलों की बारिश कर रही है। और फेंकने में मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह का तो कोई जवाब ही नहीं है। उन्होने भूपेश सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि पांच वर्षों में केंद्र सरकार ने सिर्फ़ और सिर्फ़ रोड़ा लगाने का काम किया। यहां तक कि हमारी सरकार की ज़्यादा दाम पर धान ख़रीदने की पहल को भी रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई।

सुश्री श्रीनेत ने कहा कि रेवड़ी रेवड़ी चीखने वाले द्वारा अडानी के लिये लगातार रबड़ी परोसी है। बस्तर में एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट को अडानी को सौंपने की पूरी तैयारी के बावजूद अब कहा जा रहा है ऐसा नहीं होगा। तो फिर वित्त मंत्रालय की विनिवेश वेबसाइट पर अभी तक इसका नाम क्यों है। याद रखियेगा यह वही चुनावी जुमला है जिनकी बौछार करके प्रधानमंत्री ख़ुद उनके बारे में अगले पल ही भूल जाते हैं!

उन्होने कहा कि कांग्रेस की छत्तीसगढ़ में फिर सरकार बनने पर हर किसान का एक बार फिर से कर्ज़ा माफ़ होगा,प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की ख़रीद की जाएगी,17.5 लाख आवासहीनों के लिए मकान बनायेंगे और पांच सालों में 15 लाख लोगों को रोज़गार के लिए रोज़गार मिशन लक्ष्य को प्राप्त किया जाएगा।जातिगत जनगणना कर लोगों को उनका हक़ दिया जाएगा और आबादी के अनुपात में बनाए गए आरक्षण संशोधन विधेयक के 76 प्रतिशत आरक्षण को लागू किया जाएगा।