कोलकाता, 31 जुलाई। पश्चिम बंगाल में प्रतिदिन कई अज्ञात व्यक्तियों के शव बरामद होते हैं, जो अक्सर शिनाख्त नहीं हो पाने के कारण विभिन्न शवगृहों में पड़े रहते हैं। अंततः बिना किसी पहचान के उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य पुलिस ने ‘अस्वाभाविक मृ त्यु ऐप’ लॉन्च किया है, जिसका संचालन सीआईडी द्वारा किया जा रहा है।

इस ऐप का मुख्य उद्देश्य किसी भी अज्ञात शव की त्वरित पहचान सुनिश्चित करना है। अगर किसी व्यक्ति की अस्वाभाविक मृत्यु होती है, तो पुलिस अधिकारियों को उस व्यक्ति की तस्वीर और अन्य विस्तृत जानकारी इस ऐप पर अपलोड करनी होगी। इससे लापता व्यक्ति के परिवार या पुलिस को शव की पहचान करने में मदद मिलेगी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस ऐप को सभी थानों में एक-एक टैबलेट के साथ प्रदान किया गया है। जब भी किसी थाने के क्षेत्र में कोई अस्वाभाविक मृत्यु की घटना होती है, तो पुलिस अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर तस्वीरों सहित सभी जानकारी ऐप में अपलोड कर देते हैं। इससे राज्य के किसी भी थाने को अज्ञात शव की जानकारी तुरंत मिल सकेगी और लापता व्यक्तियों के रिकॉर्ड के साथ मिलान कर शव की पहचान की जा सकेगी।

राज्य पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस ऐप के माध्यम से प्रत्येक थाना न केवल डेटा देख सकेगा बल्कि लापता व्यक्ति के परिवार भी अज्ञात शव की तस्वीरें देख सकेंगे। अगर किसी को लगे कि शव उनके परिवार के सदस्य का हो सकता है, तो वे इस ऐप के माध्यम से पुलिस को सूचित कर सकते हैं।

प्रत्येक थाने में एक अधिकारी को इस ऐप का उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जब भी कोई अस्वाभाविक मृत्यु की घटना होती है, तो अधिकारी टैबलेट लेकर घटनास्थल पर पहुंचते हैं, शव की तस्वीरें खींचकर ऐप पर अपलोड करते हैं, और अगर मृतक की पहचान ज्ञात होती है, तो उसे भी अपलोड करते हैं। इसके साथ ही घटनास्थल और पोस्टमॉर्टम स्थल की जानकारी भी ऐप में दर्ज की जाती है।

एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया कि दो साल पहले बागुईआटी के दो किशोरों के लापता होने और बाद में उनके शव मिलने की घटना के बाद इस तरह की ऐप की आवश्यकता महसूस की गई थी। उस समय शवों की पहचान में देरी के कारण पुलिस की कड़ी आलोचना हुई थी। ऐसे घटनाओं को दोबारा न होने देने के लिए ही ‘अस्वाभाविक मृत्यु ऐप’ को लॉन्च किया गया है।