वायुसेना के लड़ाकू सुखोई-30 विमान से हुई मिसाइल के उड़ान पथ की निगरानी
बहुत कम ऊंचाई पर भी दुश्मन के राडार को धोखा देने में सक्षम है निर्भय मिसाइल
नई दिल्ली, 18 अप्रैल । भारत ने गुरुवार को लंबी दूरी की स्वदेशी ”निर्भय” सबसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण करके एक बार फिर इतिहास रच दिया है। मिसाइल की उड़ान पर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू सुखोई-30 विमान से भी नजर रखी गई। यह मिसाइल बहुत कम ऊंचाई पर भी दुश्मन के राडार को धोखा देने में सक्षम है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 18 अप्रैल को ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर), चांदीपुर से स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण किया। इस दौरान मिसाइल की सभी उप-प्रणालियों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया। मिसाइल के प्रदर्शन और उसके उड़ान पथ की निगरानी के लिए आईटीआर में विभिन्न स्थानों पर राडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) और टेलीमेट्री जैसे कई सेंसर तैनात किए गए थे। मिसाइल की उड़ान पर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई से भी नजर रखी गई।
डीआरडीओ के मुताबिक परीक्षण के दौरान मिसाइल ने पॉइंट नेविगेशन का उपयोग करके निर्धारित लक्ष्य तक रास्ते का अनुसरण किया और बहुत कम ऊंचाई वाली समुद्री स्किमिंग उड़ान का प्रदर्शन किया। इस सफल उड़ान परीक्षण ने बेंगलुरू के गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान (जीटीआरई) में विकसित स्वदेशी प्रणोदन प्रणाली के विश्वसनीय प्रदर्शन को भी स्थापित किया है। बेहतर और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए यह मिसाइल उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर से भी लैस है।
इस मिसाइल को डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योगों के योगदान के साथ बेंगलुरु स्थित प्रयोगशाला वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) में विकसित किया गया है। इस परीक्षण को विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ-साथ उत्पादन भागीदार के प्रतिनिधियों ने भी देखा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के सफल उड़ान-परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी लंबी दूरी की सबसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल विकास मील का पत्थर है। डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने भी डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी है।