कोलकाता, 17 अप्रैल । पश्चिम बंगाल के नदिया जिले की रानाघाट सीट पर भाजपा और तृणमूल के बीच  सीधा मुकाबला होने के आसार नजर आ रहे हैं।भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद जगन्नाथ सरकार को फिर से उम्‍मीदवार बनाया है। उनके खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने चर्चित नेता मुकुटमणि अधिकारी को उम्मीदवार बनाया है जबकि माकपा ने भी अलकेश दास को टिकट दिया है। यहां मतदान चौथे चरण में 13 मई को होगा।

भौगोलिक स्थिति और राजनीतिक इतिहास

रानाघाट पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में रानाघाट उपमंडल का मुख्यालय है। यह अपने हथकरघा उद्योग, विभिन्न प्रकार के फूलों और उनकी खेती के लिए जाना जाता है।

रानाघाट लोकसभा क्षेत्र के तहत सात विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें कृष्णानगर दक्षिण, शांतिपुर, रानाघाट उत्तर पश्चिम, कृष्णगंज (अनुसूचित जाति), रानाघाट उत्तर पूर्व (अनुसूचित जाति), रानाघाट दक्षिण (अनुसूचित जाति) और चकदाहा शामिल हैं।

रानाघाट सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है, जहां 2009 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी के सुकरु रंजन हलधर ने जीत हासिल की थी। 2014 में एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस ने अपना जलवा बरकरार रखते हुए दोबारा जीत हासिल की और तापस मंडल सांसद चुने गए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में 42 में से 34 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी।

रानाघाट सीट के इतिहास की बात करें तो इस सीट पर आम तौर पर कांग्रेस और माकपा के बीच सीधा मुकाबला रहा है लेकिन इस बार इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी लड़ाई है।

2019 का जनादेश

2019 के लोकसभा चुनाव में  मिनती बिस्वास चुनाव मैदान में थीं जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के टिकट पर रुपाली बिस्वास चुनाव लड़ी थीं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गौतम राय उम्मीदवार थे। एक निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे थे। भाजपा के टिकट पर जगन्नाथ सरकार चुनाव लड़ रहे थे, जिन्हें जीत मिली थी। उन्हें सात लाख 83 हजार 253 वोट मिले थे जबकि तृणमूल उम्मीदवार को पांच लाख 49 हजार 825 वोट हासिल हुए थे।