हुगली, 15 अप्रैल । पश्चिम बंगाल पुलिस ने रिषड़ा-श्रीरामपुर में आगामी 17 अप्रैल को निकलने वाली रामनवमी शोभायात्रा के दौरान बजने वाले गीतों और नारों की सूची मांगी है। इसे लेकर नया विवाद शुरू हो गया है।

दरअसल रविवार शाम रिषड़ा के रविंद्र भवन में रामनवमी शोभायात्रा की कोऑर्डेनेशन मीटिंग में पुलिस की ओर से कहा गया था कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार रैली में ऐसा कोई भी नारा या गीत नहीं बजाया जाना चाहिए जिससे किसी की भावनाएं आहत हो। इस पर रिषड़ा नगरपालिका के वार्ड नंबर 10  के पार्षद मनोज सिंह ने पूछा कि यह कैसे तय होगा कि किन नारों और गीतों से किसी की भावनाएं आहत हो सकती हैं। इसके जवाब में श्रीरामपुर थाना प्रभारी सुखमय चक्रवर्ती ने कहा कि शोभायात्रा में बजने वाले गीतों और नारों की सूची थाने में देनी होगी। उनको देखकर पुलिस तय कर लेगी कि किन गीतों और नारों को बजाना है।

श्रीरामपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार कबीर शंकर बोस ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कबीर शंकर बोस ने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है। कानून व्यवस्था की स्थिति को बनाकर रखना पुलिस की जिम्मेदारी है। लेकिन पुलिस के अंदर इतना आत्मविश्वास नहीं था कि वे रामनवमी शोभायात्रा के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बना कर रख पाएंगे। इसलिए उन्होंने पूर्व रूट पर अनुमति नहीं दी। इसके बाद उच्च न्यायालय ने पूर्व रूट पर शोभायात्रा की सशर्त अनुमति दी। शोभायात्रा में क्या गाना बजेगा और नारे लगेंगे इसका कोर्ट के आदेश में कोई उल्लेख नहीं है। मैं यही कहूंगा कि हाई कोर्ट के आदेश का पालन होना चाहिए यदि कहीं दिक्कत है तो हाई कोर्ट ने कहा है कि केंद्रीय बलों की मदद ले और रैली को सफल करवाएं।

उल्लेखनीय है कि रविवार शाम आयोजित कोऑर्डिनेशन मीटिंग के दौरान प्रशासन की ओर से साफ कर दिया गया था कि रैली में 13 श्रीराम जन्मोत्सव समितियां रैली निकलेंगी। प्रत्येक रैली में 200 लोग और 20 स्वयंसेवक शामिल होंगे। सभी समितियों को अलग-अलग अनुमति लेनी होगी। सभी समितियों को एक नंबर दिया जाएगा। रैली को अपराह्न दो बजे शुरू होकर शाम पांच बजे तक समाप्त हो जाएगी। रैली में किसी भी प्रकार का हथियार लेकर कोई शामिल नहीं होगा। रैली में 20 गाड़ियां शामिल होंगी। समितियों को अपने स्वयंसेवकों के नाम और गाड़ियों से संबंधित जानकारी रैली शुरू होने के 48 घंटे पहले थाने में देनी होंगी। ऐसा कोई भी गीत या नारा नहीं बजाना होगा जिससे किसी की भावनाएं आहत हों।