नई दिल्ली, 9 जून । भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को कहा कि देश में 11 साल पहले तुष्टीकरण एवं समाज को खंडित करके अपनी कुर्सी को सुरक्षित रखना राजनी​तिक संस्कृति का तरीका बन गया था, लेकिन 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक जिम्मेदार एवं जवाबदेह सरकार आई, जिसने रिपोर्ट कार्ड की राजनीति शुरू की। वर्ष 2014 के बाद लोग गर्व से कहते हैं, “मोदी है तो मुमकिन है”। पिछले 11 वर्षों में हम ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़े हैं।

जेपी नड्डा भाजपा-नीत राजग सरकार के 11 साल पूरे होने के मौके पर केंद्रीय कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान नड्डा ने मोदी सरकार के अब तक के 11 साल के शासन का पूरा लेखा-जोखा रखा। उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में मोदी सरकार ने भारत की राजनीतिक संस्कृति को बदला ​है। यह बात स्वर्ण अक्षरों में लिखी जानी चाहिए कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय राजनीतिक संस्कृति को नया आकार दिया है। अतीत में राजनीति अक्सर सत्ता को बचाए रखने के उद्देश्य से तुष्टीकरण की रणनीतियों से प्रेरित होती थी। देश में 11 साल पहले तुष्टीकरण व समाज को खंडित करके अपनी कुर्सी को सुरक्षित रखना राजनी​तिक संस्कृति का तरीका बन गया था।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में कुछ सालों में हमने पारदर्शिता लाई है और एक दूरदर्शी, भविष्योन्मुखी प्रशासन बनाया है। इसीलिए हम विकसित भारत की बात करते हैं। यह अमृत काल है। पिछले 11 सालों ने वास्तव में विकसित और आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव रखी है। साल 2014 से पहले पिछली सरकार भ्रष्टाचार और नकारात्मकता से भरी हुई थी। देश मान चुका था कि ये संभव नहीं है, लेकिन मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया। ये बदलाव, मोदी सरकार के मजबूत फैसलों की वजह से आया है।

नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मूल सिद्धांत पर काम किया है। पिछले दशक में हमने एससी-एसटी, ओबीसी समेत समाज के सभी वर्गों की चिंता की है। उसी तरीके से हमने महिला के नेतृत्व वाले विकास को आगे बढ़ाया है। महिलाओं को पायलट बनाने से लेकर आर्मी में कमीशन देने तक, सैनिक स्कूलों में दाखिले से लेकर एनडीए में भर्ती तक, लखपति दीदी से लेकर स्वयं सहायता समूह को प्रमोट करने तक… मोदी सरकार में महिलाओं और पिछड़े वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ा गया है।

कुछ उदाहरण लें तो हमने अनुच्छेद 370 को हटाया और ट्रिपल तलाक को खत्म किया। हमने नया वक्फ अधिनियम बनाया और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पारित किया। हमने विधायी निकायों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण भी सुनिश्चित किया। हम गरीबी हटाओ का नारा लेकर नहीं चले हैं, हमने गरीब कल्याण करके दिखाया है। आंकड़े जारी करते हुए नड्डा ने कहा कि देश में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। इसी तरीके से अति गरीबी में 80 प्रतिशत की कमी आई है। बात करूं, डिमोनेटाइजेशन की, तो हमारे राजनीतिक दल लाभ उठाने के लिए जनता को उकसा रहे थे।

भारत का आम व्यक्ति बैंक के सामने घंटों खड़ा रहा और मोदी सरकार के डिमोनेटाइजेशन के फैसले का समर्थन किया। जब नेतृत्व पर भरोसा होता है, तो जनता समर्थन करती है। मोदी सरकार के तहत नेतृत्व में मजबूत भरोसे के कारण लोगों की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह वही देश है जहां पहले शिक्षा मंत्रियों को एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने में भी संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन आज हम सामूहिक रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर सहमत हुए हैं- जो हमारे इतिहास में सबसे व्यापक और सबसे समावेशी परामर्श प्रक्रियाओं में से एक का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि साल 1995 में नरसिम्हा राव जी के समय में चिनाब ब्रिज का शिलान्यास हुआ था, अटल जी ने इस परियोजना को राष्ट्रीय महत्व का घोषित किया और प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रोजेक्ट को पूरा किया और 6 जून 2025 को देश को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि समस्याओं को टालते रहना इस सरकार की न नीति रही और न रीति रही। सरकार ने समाज के सभी वर्गों की चिंता करते हुए कोशिश की कि उनके जीवन में सुधार हो और आज हम पूरी ताकत के साथ विकसित भारत की ओर छलांग लेने को तैयार हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हर चुनौती का डटकर सामना किया है।

उन्होंने कहा कि जब उरी हमला हुआ, तो पहली बार प्रधानमंत्री ने खुले तौर पर घोषणा की कि हमारे सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा- और इसके तुरंत बाद, सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक की गई। पुलवामा हमले के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से देश के दुश्मनों को स्पष्ट संदेश दिया कि उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है। नड्डा ने कहा कि बिहार में भी उन्होंने साहसपूर्वक घोषणा की कि आतंकवादियों को उनकी कल्पना से परे सजा दी जाएगी- और ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से, वह वादा पूरा हुआ। मोदी सरकार के कार्यकाल में नक्सली हिंसा से प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर मात्र 18 रह गई है।

सरकार ने किया 8,000 किलोमीटर से अधिक सीमावर्ती सड़कों का निर्माण

उन्होंने कहा कि एक समय था जब एक पूर्व रक्षा मंत्री ने भी कहा था, “हम सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें इसलिए नहीं बनाते हैं ताकि दुश्मन हम तक न पहुंच सकें।” आज, वह मानसिकता पूरी तरह बदल गई है। हमने 8,000 किलोमीटर से अधिक सीमावर्ती सड़कों का निर्माण किया है, जिससे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और पहले से उपेक्षित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूती मिली है।