मुंबई, 22 नवंबर। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक कुश्ती शिक्षक को अंतरिम जमानत दी, जिसके खिलाफ कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान नाबालिग छात्रों को प्रशिक्षण देते समय कथित रूप से गलत तरीके से छूने का मामला दर्ज किया गया था।
शिक्षक (22) द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अवकाशकालीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति मिलिंद सथाये ने उसे गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की, जिसके खिलाफ पुणे पुलिस थाने में जून 2020 से सितंबर 2022 के बीच किए गए कथित कृत्यों के लिए यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के अतर्गत 21 सितंबर को यौन हमला और यौन उत्पीड़न के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी।
शिकायतकर्ता वरिष्ठ शिक्षक ने कहा कि नौवीं कक्षा के एक छात्र ने उनके एक सहकर्मी को बताया था कि हाल ही में एक यात्रा के दौरान उसने छह सहपाठियों को यह कहते हुए सुना कि आरोपित शिक्षक ने उनके साथ कुछ गलत किया है। सहयोगी ने फिर उन छात्रों को यह सब लिखित में देने के लिए कहा।
उन्होंने खुलासा किया कि, कुश्ती सिखाने के बहाने, आरोपित शिक्षक ने उन्हें एक-दूसरे को अनुचित तरीके से छूने के लिए कहा और उनके साथ भी ऐसा ही किया। आरोपित शिक्षक की पूर्व जमानत याचिका पुणे सत्र अदालत ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था।