विवाद बढ़ने पर व्हाट्सऐप ग्रुप छोड़ा, अभिषेक बनर्जी को भी भेजी चिट्ठी

कोलकाता, 08 अप्रैल । तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ सांसद के व्यवहार से आहत होकर महिला सांसद ने तृणमूल की चेयरपर्सन ममता बनर्जी को पत्र  भोजा  है। साथ ही उन्होंने पार्टी के व्हाट्सऐप ग्रुप से भी खुद को अलग कर लिया। पत्र की प्रतिलिपि तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को भी भेजी गई है।

सूत्रों के अनुसार, मामले ने इतना तूल पकड़ लिया है कि अब ममता बनर्जी को स्वयं हस्तक्षेप करना पड़ सकता है। हालांकि, अब तक तृणमूल की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

पूरा विवाद पिछले शुक्रवार को शुरू हुआ। उस दिन तृणमूल का एक प्रतिनिधिमंडल ‘भूतिया वोटर’ के मुद्दे पर चुनाव आयोग गया था। आरोप है कि जमा किए गए ज्ञापन में महिला सांसद का नाम नहीं था, फिर भी उन्हें प्रतिनिधिमंडल के साथ जाने के लिए कहा गया।

बाद में उनका नाम हाथ से जोड़ दिया गया। इसी दौरान वरिष्ठ सांसद ने महिला सांसद पर टिप्पणी करनी शुरू कर दी। उनकी लगातार कटाक्ष और टिप्पणियों से माहौल तनावपूर्ण हो गया।

स्थिति यहां तक पहुंच गई कि महिला सांसद ने आयोग परिसर के बाहर तैनात केंद्रीय बलों के जवानों से वरिष्ठ सांसद को गिरफ्तार करने की मांग कर दी। बाद में अन्य नेताओं ने किसी तरह स्थिति को संभाला।

इस घटना के बाद तृणमूल के व्हाट्सऐप ग्रुप में भी विवाद भड़क उठा। आरोप है कि वरिष्ठ सांसद ने महिला सांसद पर लगातार हमला किया। कभी उन्हें ‘अप्रासंगिक ड्रामा क्वीन’ कहा, तो कभी ‘वरसेटाइल इंटरनेशनल लेडी’ और ‘इंटरनेशनल ब्रेव लेडी’ जैसे तंज कसे।

इस बीच, एक नये लेकिन अनुभवी सांसद ने महिला सांसद के पक्ष में आवाज उठाई। उन्होंने वरिष्ठ नेता को ममता बनर्जी के सबको साथ लेकर चलने के सिद्धांत की याद दिलाई।

इस पर वरिष्ठ सांसद और भड़क गए। उन्होंने नये सांसद पर भी हमला बोला। पुराने दल से निकाले जाने का ताना मारा और धमकी दी कि उनके संसदीय क्षेत्र में जाकर उनके ‘कारनामे’ उजागर करेंगे।

लगातार अपमानजनक टिप्पणियों से आहत होकर महिला सांसद ने व्हाट्सऐप ग्रुप छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने पूरी घटना का ब्यौरा ममता बनर्जी को पत्र लिखकर दिया। अभिषेक बनर्जी को भी इसकी जानकारी भेजी गई है।

सूत्रों का कहना है कि मामला गंभीर रूप से पार्टी के भीतर तनाव पैदा कर सकता है।