बांकुड़ा, 23 जुलाई। जिले के बड़जोड़ा ब्लॉक के खड़ारी गांव में हाथियों के हमले से एक घर की दीवार गिर गई, जिससे घर में सो रही 46 वर्षीय महिला, बसंती मंडल की मौत हो गई। इस घटना से इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बांकुड़ा उत्तर वन विभाग में वर्तमान में छह हाथियों का एक समूह है। इनमें से चार हाथियों ने एक साथ खड़ारी गांव पर हमला कर दिया। हाथियों ने गांव में घुसकर कई घरों की दीवारें तोड़ दीं। घटना के समय बसंती मंडल और उनके परिवार के सदस्य घर में सो रहे थे। अचानक एक हाथी ने उनके घर की दीवार पर धक्का मारा, जिससे दीवार गिर गई और बसंती मंडल दीवार के मलबे में दब गईं। परिवार के अन्य सदस्यों की चीख-पुकार सुनकर गांव के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और हाथियों को गांव से भगा दिया। इसके बाद घायल महिला को बचाकर बड़जोड़ा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया। वहां उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज स्थानांतरित किया गया, जहां मंगलवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

मृतक के रिश्तेदार सुजय मंडल ने मंगलवार दोपहर बताया कि रात दो बजे एक हाथी आकर हमारे घर की दीवार को धक्का देकर गिरा दिया। दीवार के मलबे के नीचे दबकर मेरी काकी (बसंती मंडल) की मौत हो गई। उन्होंने आगे कहा कि इस घटना के लिए वन विभाग पूरी तरह से जिम्मेदार है। वन विभाग जानबूझकर इन हाथियों को गांव के पास के जंगल में छोड़ रहा है। जब भी नुकसान की खबर मिलती है, वन विभाग के कर्मचारी सिर्फ फोटो खींचकर चले जाते हैं। हम चाहते हैं कि वन विभाग जल्दी से जल्दी इन हाथियों को यहां से हटाने के लिए कदम उठाए।

गांव के निवासी और बड़जोड़ा के पूर्व विधायक, अशुतोष मुखर्जी ने भी हाथियों को जंगल में वापस भेजने की मांग की है।

क्या कहना है वन विभाग का?

बांकुड़ा उत्तर वन विभाग के प्रभारी डीएफओ प्रदीप बाउड़ी ने इस घटना पर कहा कि मृतक के परिवार को प्राथमिक मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हम हाथियों की गतिविधियों को जंगल तक सीमित रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।

इस घटना ने एक बार फिर से वन्यजीव और मानव के बीच संघर्ष की गंभीरता को उजागर किया है, जिससे न केवल जीवन का नुकसान हुआ है बल्कि ग्रामीणों में भय और असुरक्षा का माहौल भी उत्पन्न हुआ है।