राजस्थानी सूचना केंद्र व राजस्थानी प्रचारिणी सभा ने मनाया भाषा दिवस

महिला काव्य गोष्ठी का आयोजन

कोलकाता, 21फरवरी।  राजस्थानी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष रतन शाह ने सवाल उठाया है कि राजस्‍थानी के  साथ लंबे समय से भाषाई दलित जैसा आचरण क्यों किया जा रहा है?

भाषा दिवस के मौके पर राजस्थान सूचना केंद्र में आयोजित संयुक्त कार्यक्रम में शाह ने कहा कि वे केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता तत्काल दे तथा राज्य सरकार से भी मांग है कि वो बंगाल में भाषा अकादमी में लिए जमीन आवंटन करे। समाज के प्रबुद्ध व्यक्ति विरासत भवन का निर्माण कर लेंगें।

मौके पर महिला काव्य गोष्ठी का आयोजन भी किया गया जिसमें शशि लाहोटी, डॉ इंदु झुनझुनवाला व चंदा प्रहलादका ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया।

सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रह्लाद राय गोयनका ने कहा कि भाषाई मुद्दा गंभीर है। इस पर चिंतन की जरूरत है। उहोंने कहा कि मीरा से बढ़िया साहित्य(प्रेम रस) दुनिया में उपलब्ध नहीं है। पर्यावरण के बारे में कहा कि दुनिया का पहला आंदोलन, पर्यावरण से संबंधित, राजस्थान में हुआ था। अब भाषा को मान्यता मिलनी चाहिए।

राजस्थान सूचना केंद्र के सहायक निदेशक, सूचना व जन संपर्क विभाग हींगलाज दान रतनू ने भरोसा जताया कि अब राजस्थान व केंद्र में डबल इंजन सरकार है। उम्मीद है कि जल्द ही भाषा को मान्यता मिल जाएगी।

इस मौके पर साहित्यकार बंशीधर शर्मा, साहित्यकार राजेंद्र केडिया व महावीर प्रसाद मानकसिया ने भी भाषा के बारे में अपने विचार रखे।

कार्यक्रम में लेखक प्रमोद शाह, अजय अग्रवाल, बालकिशन खेतान, प्रमिला शाह समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।