नई दिल्ली, 21 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज से दो देशों पोलैंड और यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। यह यात्रा इस दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है कि वर्तमान में यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार कार्यभार संभालने के बाद पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा पर रूस गए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पोलैंड में बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। उनके आगमन को लेकर भारतीय प्रवासियों में खासा उत्साह है।
भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की 19 अगस्त को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 और 22 अगस्त को पोलैंड की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। पिछले 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली पोलैंड यात्रा होगी। प्रधानमंत्री का वारसा में औपचारिक स्वागत किया जाएगा। वे पौलेंड के राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा से मुलाकात करेंगे और प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री पोलैंड में भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे।
विज्ञप्ति के अनुसार, इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन की यात्रा करेंगे। 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी। कीव में प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों में राजनीतिक, व्यापार, आर्थिक, निवेश, शिक्षा, सांस्कृतिक, लोगों के बीच आदान-प्रदान, मानवीय सहायता और अन्य सहित द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलू शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी यात्रा के दौरान छात्रों सहित भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री की यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने और विस्तार देने में सहायक होगी।
इस संबंध में विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तनमय लाल ने विदेश मंत्रालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया था कि पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 अगस्त को पोलैंड की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ भी मना रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह एक ऐतिहासिक यात्रा भी है, क्योंकि हमारे राजनयिक संबंध स्थापित होने के 30 से अधिक वर्षों में यह पहली बार होगा कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा करेगा।