कोलकाता, 29 मई । पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखी गई 1010 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) परियोजना की आधारशिला अब राज्य में ऊर्जा क्षेत्र के नए युग की शुरुआत मानी जा रही है। यह परियोजना केवल पाइपलाइन योजना नहीं, बल्कि स्वच्छ, किफायती और सुविधाजनक ऊर्जा पहुंच का ठोस उदाहरण बनकर उभरेगी।

इस परियोजना का उद्देश्य अलीपुरद्वार और कूचबिहार जिलों में स्वच्छ ईंधन को घर-घर पहुंचाना है। इसके तहत 2.5 लाख से अधिक घरों को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) की आपूर्ति की जाएगी, जिससे घरेलू उपयोग में सिलेंडर पर निर्भरता कम होगी। साथ ही, 100 से अधिक वाणिज्यिक संस्थानों और उद्योगों को भी इसका लाभ मिलेगा।

परियोजना की खास बातेंसीजीडी परियोजना के अंतर्गत 19 सीएनजी स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जो परिवहन क्षेत्र को भी हरित ईंधन की ओर मोड़ने का कार्य करेंगे। इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि वाहन मालिकों के खर्च में भी कटौती होगी। यह पहल सस्ते, साफ और सुलभ ऊर्जा की दिशा में देश के बढ़ते कदमों का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर बताया कि 2014 तक देश के केवल 66 ज़िलों में ही सिटी गैस नेटवर्क था, जबकि आज यह संख्या 550 से अधिक ज़िलों तक पहुंच चुकी है। यह नेटवर्क अब छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी पहुंच रहा है, जिससे आम लोगों को सीधे लाभ मिल रहा है।

ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक बदलावप्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का भी इसमें उल्लेख हुआ, जिसने गरीब परिवारों, खासकर महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। जहां 2014 में देश में एलपीजी कनेक्शन की संख्या 14 करोड़ से भी कम थी, वहीं आज यह संख्या 31 करोड़ को पार कर चुकी है। इसके अलावा, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर की संख्या भी 14 हजार से बढ़कर 25 हजार हो गई है, जिससे अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी सिलेंडर सहज रूप से उपलब्ध हैं।

पूर्वोत्तर भारत को मिलेगी मजबूतीइस परियोजना के माध्यम से पूर्वी और उत्तर-पूर्व भारत के विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने “ऊर्जा गंगा परियोजना” का उल्लेख करते हुए बताया कि इसके तहत देश के पूर्वी राज्यों तक गैस पाइपलाइन पहुंचाई गई है, जिससे पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में ऊर्जा आपूर्ति सुगम हुई है।

गैस आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाने से लेकर सीएनजी स्टेशन चलाने तक विभिन्न स्तरों पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे न केवल स्थानीय युवाओं को काम मिलेगा, बल्कि गैस आधारित उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को मजबूती मिलेगी।