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पांच सदस्यों की हत्या करने वाले एक व्यक्ति को भी मिल चुकी है मौत की सजा
कोलकाता, 19 फरवरी । पश्चिम बंगाल में नाबालिगों के खिलाफ हुए जघन्य अपराधों पर अदालतों ने कड़ा रुख अपनाते हुए बीते छह महीनों में छह मुजरिमों को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति को अपने परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में मौत की सजा दी गई है। इस तरह राज्य में पिछले छह महीनों में कुल सात दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।
अदालत ने बलात्कार और हत्या के जघन्य अपराधों को दुर्लभतम में दुर्लभ श्रेणी में रखते हुए छह दोषियों को मौत की सजा सुनाई। इन मामलों में पोक्सो कानून, भारतीय दंड संहिता और बाद में लागू किए गए भारतीय न्याय संहिता की धाराएं लगाई गई थीं। इसी तरह सात इसी साल फरवरी को न्यू टाउन इलाके में कक्षा आठ की 14 वर्षीय छात्रा की बलात्कार और हत्या के मामले में अब तक अदालत का फैसला नहीं आया है। इस मामले में पुलिस ने 22 वर्षीय ई-रिक्शा चालक को गिरफ्तार किया है।
अंतिम बार 2004 में दी गई थी फांसी की सजा
राज्य में अंतिम बार किसी दोषी को फांसी 2004 में दी गई थी। दक्षिण कोलकाता में 16 वर्षीय छात्रा के बलात्कार और हत्या के दोषी धनंजय चटर्जी को अलीपुर जेल में फांसी पर लटकाया गया था।
छह महीनों में छह मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई:
1. सिलीगुड़ी (7 सितंबर, 2024): पोक्सो अदालत ने मोहम्मद अब्बास को 16 वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या के मामले में फांसी की सजा दी।
2. कोलकाता (7 सितंबर , 2024): अलीपुर जिला एवं सत्र न्यायालय ने 55 वर्षीय एलपीजी सिलेंडर डिलीवरी कर्मी अशोक शॉ को 5 वर्षीय बच्ची के बलात्कार और हत्या के मामले में फांसी की सजा दी।
3. बारुईपुर (6 दिसंबर, 2024): पोक्सो अदालत ने 19 वर्षीय मुस्ताकिन सरदार को 10 वर्षीय छात्रा के बलात्कार और हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई।
4. जंगीपुर (14 दिसंबर, 2024): मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का में एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या के मामले में 35 वर्षीय दीनबंधु हालदार को मौत की सजा दी गई। उसके साथी शुभजीत हालदार को आजीवन कारावास की सजा हुई।
5. हुगली (17 जनवरी, 2025): गुड़ाप इलाके में 42 वर्षीय अशोक सिंह को 5 वर्षीय बच्ची के बलात्कार और हत्या के मामले में फांसी की सजा मिली।
6. कोलकाता (18 फरवरी, 2025): बड़तल्ला इलाके में सातमहीने की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के प्रयास के मामले में पोक्सो अदालत ने राजीव घोष को फांसी की सजा सुनाई। यह सजा अपराध के 75 दिनों के भीतर सुनाई गई।
इसके अलावा, हुगली जिले के चंदननगर में 42 वर्षीय निजी ट्यूटर प्रमथेश घोषाल को अपने माता-पिता और बहन की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई। यह घटना आठ नवंबर 2021 को हुई थी।
ममता ने किया स्वागत
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर इन फैसलों का स्वागत किया है। उन्होंने लिखा है कि ऐसे अपराधों के लिए त्वरित न्याय जरूरी है। राज्य सरकार का महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर जीरो टॉलरेंस है और हम सुनिश्चित करेंगे कि न्याय में कभी देरी न हो। सरकार का कहना है कि अपराजिता एंटी-रेप बिल के लागू होने के बाद ऐसे मामलों में त्वरित न्याय और कठोर सजा की प्रक्रिया और तेज होगी।