कोलकाता, 17 फरवरी । पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित स्कूल नौकरी घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को एक महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगा है। जांच में पता चला है कि शिक्षकों की नियुक्तियों के लिए सिफारिशें न केवल लिखित रूप में दी गई थीं, बल्कि व्हाट्सएप और एसएमएस के जरिए भी भेजी गई थीं, जिन्हें संबंधित अधिकारियों द्वारा गंभीरता से लिया गया था।

सूत्रों के अनुसार, इन सभी सिफारिशों की व्यक्तिगत रूप से छानबीन और शॉर्टलिस्टिंग तत्कालीन राज्य शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व महासचिव पार्थ चटर्जी द्वारा की जाती थी। इन सिफारिशों का पूरा ब्यौरा सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र के संलग्न दस्तावेजों में दर्ज किया गया है।

सीबीआई ने कोलकाता की विशेष अदालत में ऐसे 324 उम्मीदवारों की सूची सौंपी है, जिनकी नियुक्ति के लिए विभिन्न प्रभावशाली व्यक्तियों, जिनमें पूर्व और वर्तमान विधायक व सांसद शामिल हैं, ने सिफारिश की थी। इनमें से 134 उम्मीदवारों की नियुक्ति हो चुकी है और वे वर्तमान में राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं।

सूत्रों का कहना है कि पार्थ चटर्जी उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने से पहले राज्य शिक्षा विभाग के कुछ विश्वसनीय अधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठकें करते थे। इन बैठकों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए उन्हें उनके कार्यालय के बजाय उनके निजी आवास पर आयोजित किया जाता था।

उल्लेखनीय है कि पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जुलाई 2022 में इस घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। ईडी के आरोपपत्र में उन्हें इस घोटाले का मुख्य सूत्रधार बताया गया है। उनके अलावा उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी और दामाद सहित अन्य आरोपितों का नाम भी चार्जशीट में शामिल किया गया है।

ईडी के चार्जशीट में बाबली चटर्जी मेमोरियल ट्रस्ट को भी आरोपित के रूप में शामिल किया गया है। यह ट्रस्ट पार्थ चटर्जी की दिवंगत पत्नी के नाम पर बनाया गया था। आरोप है कि घोटाले की रकम को इसी ट्रस्ट में दान के रूप में दिखाकर हेरफेर किया गया।

फिलहाल पार्थ चटर्जी कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। बताया जा रहा है कि उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने हाल ही में अदालत को सूचित किया है कि उनकी हालत अब लगभग ठीक है और उन्हें जल्द ही छुट्टी दी जा सकती है।

इस बीच, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से भाजपा सांसद ज्योतिमय सिंह महतो ने राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस को पत्र लिखकर पार्थ चटर्जी की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अस्पताल में उनकी जान को खतरा हो सकता है।