
-प्रतिभा की पूजा : एक अविस्मरणीय प्रसंग
कोलकाता, 29 जून। महानगर के ऐतिहासिक महाजाति सदन का मंच ऐसे ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बना, जब ज्ञान, संस्कार और भविष्य की उजास एक साथ आलोकित हुई। अवसर था पश्चिम बंग प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह का, जिसमें कोलकाता महानगर के 415 से अधिक मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित कर उनकी विद्या-साधना को नमन किया गया। यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए एक प्रेरणा बनकर आया, बल्कि समस्त समाज के लिए यह संदेश छोड़ गया कि जब शिक्षा, संस्कार और सेवा एक साथ चलें, तब उज्ज्वल भविष्य की राहें स्वयं बनती हैं।
दीपों की लौ में जब सरस्वती वंदना की स्वर लहरियां गूंजीं, तो पूरे सभागार में एक दिव्यता का संचार हुआ। समारोह का उद्घाटन भागवताचार्य बालव्यास श्रीकांत शर्मा एवं पीपीपी समूह के सीईओ राजेश सोंथालिया, पार्षद महेश शर्मा, आईआरएस (जीएसटी) मनोज कुमार केडिया, सम्मेलन के अध्यक्ष नन्दकिशोर अग्रवाल, महासचिव पंकज भालोटिया, चार्नक अस्पताल की निदेशक श्वेता शर्मा, एआईएमएफ के अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया, ममता बिनानी एवं समाजसेवी संतोष सराफ ने दीप प्रज्वलित कर किया।
भागवताचार्य श्रीकांत शर्मा ने अपने ओजस्वी और भावप्रवण आशीर्वचन में कहा, “आज ये बालक और बालिकाएं जिनके हाथों में सम्मान की ट्रॉफी है, कल समाज और राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के आधार स्तम्भ बनेंगे। यह केवल सम्मान नहीं, एक संस्कार है, उत्कृष्टता की ओर बढ़ने का एक आह्वान है।”
सम्मेलन के अध्यक्ष नन्दकिशोर अग्रवाल ने इस अवसर पर संस्था की ऐतिहासिक यात्रा पर प्रकाश डालते हुए बताया, “1939 में राजस्थान से कोलकाता आए कुछ मारवाड़ी अग्रजों द्वारा स्थापित यह संस्था आज पश्चिम बंगाल के प्रत्येक जिले में अपनी उपस्थिति और सेवा से समाज को दिशा दे रही है।”उन्होंने यह भी बताया कि संस्था केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों की रक्षा और संवर्धन के लिए निरंतर सक्रिय है।
एआईएमएफ अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया ने विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ संस्कारों की महत्ता समझाई। उन्होंने कहा कि “ज्ञान के साथ जब चरित्र का बल जुड़ता है, तब जीवन सार्थक होता है।”वहीं, चार्नक अस्पताल की निदेशक श्वेता शर्मा ने स्वास्थ्य को सफलता की पहली शर्त बताते हुए विद्यार्थियों से कहा कि “मन और तन दोनों स्वस्थ हों, तभी आप जीवन के शिखरों को सहजता से स्पर्श कर पाएंगे।”
सम्मेलन के उपाध्यक्ष विमल वेंगानी, बृजमोहन गाड़ोदिया, कैलाशपति तोदी, सुशील पोद्दार, पवन पटोदिया, प्रदीप लुहारीवाल, संदीप गर्ग, वरिष्ठ पत्रकार सुधांशु शेखर, स्काउट गाइड डॉ. अविनाश गुप्ता, रूपल तोषनीवाल, सुभाष अग्रवाल, निरंजन अग्रवाल, ललित प्रहलादका और नरेश अग्रवाल समेत कई प्रांतो के प्रांतीय अधिकारी व अन्य अतिथियों ने विद्यार्थियों को ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका मनोबल बढ़ाया। सभागार में अविरत तालियों की गूंज ने हर्ष और गौरव का संगीत रचा।
सम्मान समारोह के संयोजक मनीष बजाज ने अपने कुशल नेतृत्व के जरिये सभी सदस्यों के साथ समन्वय स्थापित कार्य़क्रम को रुपायित किया।
कार्यक्रम का प्रबंध आनंद इवेंट्स के प्रदीप ढेडिया द्वारा किया गया एवं संचालन सच्चिदानंद पारीक ने अपनी भावपूर्ण शैली में किया। महासचिव पंकज भालोटिया ने समारोह के सफल आयोजन के लिए सभी अतिथियों, शुभचिंतकों और सहयोगियों का हृदय से आभार व्यक्त किया। इस गरिमामयी आयोजन को सफल बनाने में अभिषेक शरद डोकानिया, शैलेश जिंदल, रूपक केडिया, गणेश अग्रवाल, संजय जैन, लक्ष्मण अग्रवाल, संजय रूंगटा, सोनू जैन, अभिषेक अग्रवाल समेत कई पदाधिकारियों का श्रम और समर्पण उल्लेखनीय रहा।