
-मृतकों में चार बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल
कोलकाता, 1 अप्रैल। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के पाथरप्रतिमा इलाके में सोमवार रात एक पटाखा कारखाने में हुए भीषण विस्फोट हो गया। जिसके कारण एक ही परिवार के आठ सदस्यों की मौत हो गई। मरने वालों में चार बच्चे भी शामिल हैं, जिनमें दो की उम्र एक साल से भी कम थी। घटना के बाद प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उस घर में लंबे समय से अवैध पटाखे बनाए जा रहे थे।
सोमवार रात पाथरप्रतिमा के ढोलाहाट थाना क्षेत्र के दक्षिण रायपुर इलाके में जोरदार धमाकों के साथ आग लग गई। विस्फोट के कारण घर भीषण आग की चपेट में आ गया, जिससे परिवार के आठ सदस्यों की मौके पर ही मौत हो गई। मरने वालों में 65 वर्षीय अरविंद बनिक, 80 वर्षीय प्रभावती बनिक, 28 वर्षीय सांत्वना बनिक, नौ साल का अर्णब बनिक, आठ महीने की अस्मिता बनिक, छह साल की अनुष्का बनिक और छह महीने का अंकित बनिक शामिल हैं। वहीं, तुषार बनिक की पत्नी रूपा बनिक गंभीर रूप से झुलस गई थीं, लेकिन बाद में उनकी भी मौत हो गई।
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस घर में लंबे समय से पटाखों का निर्माण किया जा रहा था। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि परिवार के पास ग्रीन क्रैकर (पर्यावरण अनुकूल पटाखे) बनाने का लाइसेंस था। फिर भी इलाके के लोगों को संदेह है कि इस लाइसेंस की आड़ में अवैध पटाखे बनाए जा रहे थे। हादसे के बाद प्रशासन और पुलिस की भूमिका को लेकर नाराजगी है। लोगों का कहना है कि अगर पहले ही इस अवैध पटाखा निर्माण को रोका जाता तो यह हादसा टल सकता था। इस मामले में प्रतिक्रिया के लिए कई बार जिला पुलिस अधिकारियों को संपर्क किया गया लेकिन सभी ने मुंह बंद कर रखा है।
वहीं, इलाके के विधायक समीर जाना ने मंगलवार सुबह कहा कि परिवार के पास वैध लाइसेंस था और पटाखों का निर्माण घर से दूर एक स्थान पर किया जाता था, लेकिन घर में भी कुछ पटाखे रखे गए थे, जिससे यह हादसा हुआ। वारदात के ठीक बाद छह लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे। घटना की जांच के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम मौके पर पहुंचेगी और विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए नमूने इकट्ठा करेगी। इस मामले में प्रशासन ने गहन जांच के आदेश दिए हैं।