कोलकाता, 11 नवंबर। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने सोमवार को भारतीय निर्वाचन आयोग  को पत्र लिख कर पश्चिम बंगाल की छह विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के दौरान कुछ मुद्दों पर हस्तक्षेप की मांग की। पत्र में ओ’ब्रायन ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की गतिविधियों को लेकर आपत्ति जताई है।

ओ’ब्रायन ने आरोप लगाया कि सीएपीएफ के जवान राज्य पुलिस की मौजूदगी के बिना निजी घरों में प्रवेश कर मतदाताओं को डराने और भाजपा के पक्ष में प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं।

दूसरा मुद्दा पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार के कथित आपत्तिजनक बयान से संबंधित है। ओ’ब्रायन ने पत्र में आरोप लगाया कि बांकुड़ा जिले के तालडांगरा निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली के दौरान मजूमदार ने राज्य पुलिस के खिलाफ अपमानजनक बातें कीं और भारत के प्रतीक चिह्न का अपमान किया।

ओ’ब्रायन ने कहा कि ये मुद्दे चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को प्रभावित कर रहे हैं, और आयोग से तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग ने अभी तक भाजपा नेताओं और सीएपीएफ को ऐसे अवैध कार्यों से रोकने के लिए स्पष्ट निर्देश नहीं दिए हैं।

पत्र में ओ’ब्रायन ने यह भी उल्लेख किया कि आयोग ने तृणमूल कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को सोमवार को शाम 3:30 बजे मिलने का समय दिया, जो प्रचार समाप्त होने से सिर्फ 90 मिनट पहले है। ओ’ब्रायन के अनुसार, यह समय सार्थक समाधान के लिए अपर्याप्त है। उन्होंने निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाया और कहा कि देरी से उठाए गए कदम भाजपा को लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं, जिससे चुनाव की निष्पक्षता और लोकतंत्र में जनता का विश्वास कमजोर हो रहा है।

इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल पर राज्य मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल बिना बाहुबल और चुनावी गड़बड़ियों के कोई चुनाव नहीं लड़ सकती।