कोलकाता, 27 नवंबर । पश्चिम बंगाल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को जोरदार हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने पार्टी की महिला विधायक का माइक बंद किए जाने के विरोध में वाकआउट किया।

भाजपा ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चर्चा के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश किया था, जिसे विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने नामंजूर कर दिया। हालांकि, प्रस्ताव पढ़ने की अनुमति दी गई।

हुगली जिले के हल्दिया से भाजपा विधायक तापसी मंडल जब अपना भाषण दे रही थीं, तो उनका माइक कथित तौर पर बीच में ही बंद कर दिया गया। इससे नाराज भाजपा विधायकों ने सदन में जोरदार विरोध दर्ज कराया और बाद में सदन से वाकआउट कर दिया।

सदन से बाहर निकलने के बाद भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और तख्तियां लेकर नारेबाजी की। भाजपा के मुख्य सचेतक डॉ. शंकर घोष ने आरोप लगाया कि विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “केवल प्रस्ताव का संपादित संस्करण पढ़ने की अनुमति दी गई, और किसी चर्चा की गुंजाइश नहीं दी गई। इसके अलावा, हमारी विधायक तापसी मंडल का माइक बंद कर दिया गया। यह सत्तापक्ष की आवाज दबाने की कोशिश है।”

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सत्ता में आने के बाद विपक्षी दलों को चुप रहने की सलाह दी थी। अब विधानसभा अध्यक्ष उसी आदेश को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं।”

डॉक्टर हत्याकांड पर प्रतिक्रिया

आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मुद्दे को उठाते हुए भाजपा ने कहा कि राज्य में इस तरह के अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

मंगलवार को पीड़िता के माता-पिता विधानसभा परिसर पहुंचे थे और उन्होंने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात की। उन्होंने घटना में न्याय की मांग करते हुए भाजपा विधायकों से ठोस कदम उठाने की अपील की। इसके अलावा, उन्होंने एआईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दिकी से भी मिलकर न्याय की गुहार लगाई।