
रांची, 20 जून । राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि हमारा भारतवर्ष विविधताओं का देश है। यहां की भाषाएं, परंपराएं, संस्कृति और रीति-रिवाज़ अत्यंत समृद्ध हैं। हम सब एक सूत्र में बंधे हुए हैं, यही “विविधता में एकता” हमारी सबसे बड़ी शक्ति है और यह पूरी दुनिया के सामने एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है।
राज्यपाल शुक्रवार को राज भवन में आयोजित बंगाल स्थापना दिवस समारोह में झारखंड में निवास कर रहे बंगालवासियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें न केवल अपनी भाषा और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए, बल्कि अन्य राज्यों की भाषा और संस्कृति का भी आदर करना चाहिए। इस दिशा में हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से आरंभ किया गया “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” एक दूरदर्शी पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के विभिन्न राज्यों के बीच एकता, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को सुदृढ़ बनाना है। उन्होंने कहा कि झारखंड और बंगाल, ये दो राज्य न केवल भौगोलिक रूप से जुड़े हैं, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से भी एक-दूसरे के अत्यंत निकट हैं। झारखंड में रह रहे बंगाली समुदाय ने राज्य की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति में जो योगदान दिया है, वह अत्यंत सराहनीय है।
राज्यपाल ने कहा कि बंगाल की भूमि सृजन, विचार और सांस्कृतिक चेतना की भूमि रही है। इस राज्य ने राष्ट्रीय निर्माण में ऐतिहासिक योगदान दिया है। बंगाल पुनर्जागरण से लेकर स्वतंत्रता संग्राम तक इस भूमि ने ऐसे महान चिंतकों, लेखकों, कवियों और क्रांतिकारियों को जन्म दिया जिन्होंने हमारी राष्ट्रीय चेतना पर अमिट छाप छोड़ी। इस भूमि ने रवींद्रनाथ टैगोर, शरतचंद्र, बंकिमचंद्र जैसे साहित्य के स्तंभ दिए, जिनकी लेखनी ने विश्व स्तर पर भारतीय अस्मिता को पहचान दिलाई।
उन्होंने कहा कि बंगाल ने समाज सुधार और स्वतंत्रता संग्राम के क्षेत्र में भी देश को नई दिशा दी। राजा राम मोहन राय ने सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध बिगुल फूंका, वहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आज़ादी के आंदोलन को अद्भुत साहस और दृढ़ संकल्प के साथ नई गति दी। बंगाली समाज ने परंपरा और आधुनिकता के संतुलन का जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह सम्पूर्ण भारत के लिए प्रेरणादायक है।
राज्यपाल ने कहा कि बंगाल की जनता उत्सवप्रिय होती है और अपने त्योहारों को श्रद्धा, उत्साह और भव्यता के साथ मनाते हैं। दुर्गा पूजा और काली पूजा जैसे पर्वों में देश के कोने-कोने से लोग सम्मिलित होते हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध है, बल्कि औद्योगिक और आर्थिक दृष्टि से भी देश के अग्रणी राज्यों में रहा है। जूट, कपड़ा, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्र में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है।