
कोलकाता, 13 जून । पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित स्कूल भर्ती घोटाले से जुड़े एक नए ऑडियो क्लिप के सामने आने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आवाज़ के नमूने एकत्र करने की तैयारी की है। इन व्यक्तियों की आवाज़ कथित तौर पर इस क्लिप में सुनी गई है।
सीबीआई की ओर से जिन पांच लोगों के वॉइस सैंपल मांगे गए हैं, उनमें पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के पूर्व चेयरमैन सुबिरेश भट्टाचार्य, पूर्व सचिव, पूर्व स्टाफ सदस्य समरजीत आचार्य और पर्णा भट्टाचार्य शामिल हैं। बाकी दो लोग नीलाद्रि दास और पंकज बंसल हैं, जो ‘एनवाईएसए’ नामक निजी एजेंसी से जुड़े हैं। यह एजेंसी आयोग द्वारा लिखित परीक्षा में प्रयुक्त ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट की आपूर्ति और सुरक्षा के लिए आउटसोर्स की गई थी।
सीबीआई ने बताया है कि इन पांचों के नाम पहले ही आरोपपत्र में दर्ज हैं। हालांकि एजेंसी ने यह कहते हुए ऑडियो क्लिप के स्रोत को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया कि इससे जांच प्रभावित हो सकती है और गोपनीयता भी भंग हो सकती है।
सुबिरेश भट्टाचार्य के वकील ने क्लिप की प्रामाणिकता और उसके स्रोत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब सीबीआई तीन बार चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, तो अब अचानक नया ऑडियो सामने लाना संदेह पैदा करता है।
इस बीच सूत्रों ने दावा किया है कि इस ऑडियो क्लिप में जिन बातचीत को रिकॉर्ड किया गया है, उनमें यह स्पष्ट झलकता है कि किस तरह राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने घोटाले की हर गतिविधि पर व्यक्तिगत रूप से नजर रखी और उसका मार्गदर्शन किया।
सूत्रों के अनुसार, इस ऑडियो क्लिप की सामग्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ केस को और अधिक मज़बूत बनाने में मदद कर सकती है। उन्हें पहले ही सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा इस घोटाले का मुख्य मास्टरमाइंड माना जा चुका है।
इसके साथ ही यह क्लिप डब्ल्यूबीएसएससी और एनवाईएसए के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच की मिलीभगत को भी साबित करने में अहम भूमिका निभा सकती है, जिससे भ्रष्टाचार का यह पूरा तंत्र निर्बाध रूप से चलाया गया।