हरिद्वार, 31 अक्टूबर। उत्तराखंड के हरिद्वार में हर की पैड़ी पर 20 दिन बाद गंगा जी की रौनक लौट आई है। हर की पैड़ी पर देर-रात से गंगाजी अपने पूर्व स्वरूप में प्रवाहित हो रही हैं। दशहरे से शुरू हुई गंगा जल बंदी के बाद बीती रात सभी डैम खोल दिये गये, जिसके बाद सुबह से गंगा नदी पूर्व की भांति अपने स्वरूप में बहती दिखीं। 20 दिन के बाद अब देश भर के लोग हरिद्वार आकर हर की पैड़ी पर पूजा अर्चना के साथ गंगा स्नान और मां की गंगा आरती का पूर्ववत आनंद ले सकेंगे। हरिद्वार में तैनात उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ ने इसकी पुष्टि की है।
हर की पैड़ी में गंगा में जल प्रवाहित होने से जहां यात्रियों, पर्यटकों व श्रद्धालुओं के चेहरे पर खुशी दिखी, वहीं स्थानीय लोगों ने गंगा को नमन कर बीस दिन बाद त्याेहारी जरूरतों के लिए जल पात्रों में जल भरा। प्रतिवर्ष दशहरे से दीपावली तक उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग साफ-सफाई के लिए गंगनहर बंद रखता है जिससे हर की पैड़ी सहित विभिन्न स्थानाें पर गंगा जल नही प्रभावित हाे पाता है।
हालांकि गंगा क्लोजर के इस समय को लेकर लंबे समय से विवाद कायम है। हर की पैड़ी की प्रबंधकारिणी संस्था गंगासभा व हरिद्वार के व्यापारी त्याेहारों व कारोबारी सीजन में गंगा बंदी का विरोध करते हैं, लेकिन सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश का कहना है कि इस समय कृषि योग्य जल की आवश्यकता नहीं रहती। इसलिए यही समय गंग नहर के मेंटेनेंस के लिए उपयुक्त है। हरिद्वार में तैनात उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ अनिल निमेंष ने बताया कि गुरुवार सुबह से गंगा में 3 हजार क्यूसेक जल प्रवाहित हो रहा है।