लखनऊ, 05 मई । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने रविवार को कहा कि शहाबुद्दीन, अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी और अब्बास हमारे आदर्श नहीं हो सकते। रसखान, रहीम, कबीर, डा.एपीजे अब्दुल कलाम, मोहम्मद करीम छागला और वीर अब्दुल हमीद हमारे आदर्श हैं। इसलिए दंगामुक्त हिन्दुस्तान के लिए और देश के भविष्य के लिए जाति एवं मजहब से ऊपर उठकर वोट करें।
इन्द्रेश कुमार लखनऊ में अंतरराष्ट्र बौद्ध शोध संस्थान के सभागार में आयोजित सर्व धर्म समभाव संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। संगोष्ठी का आयोजन सामाजिक सद्भाव लखनऊ विभाग की ओर से किया गया था। उन्होंने कहा कि कैलाश मानसरोवर मुक्त हो, तिब्बत स्वतंत्र हो, पीओके हमारा हो, भारत अखण्ड हो इसके लिए वोट करें। उन्होंने कहा कि हमारी तरफ चीन बढ़ा तो हमने मुंहतोड़ जवाब दिया, पाकिस्तान ने हरकत की तो सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक कर उसका जवाब दिया गया। आज भारत की सीमाएं सुरक्षित हैं। यह सब प्रभावी नेतृत्व की सरकार के कारण संभव हो सका है।
उन्होंने कहा कि भारत नि:स्वार्थ संस्कृति का देश है। हमारी यात्रा परमार्थ की है। इसलिए हम विश्वगुरु कहलाये। भारत में परमार्थ की संस्कृति है। हमारे यहां कहा गया है कि जियो लेकिन दूसरों के लिए। हमने सबके सद्भाव की बात कही है। हमने किसी के अमंगल की बात नहीं की।
कार्यक्रम को राज्य सूचना आयुक्त डॉ. दिलीप अग्निहोत्री ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बावन मंदिर अयोध्या के महंत वैदेही वल्लभ शरण महाराज ने की। उन्होंने कहा कि देश सर्वोपरि है। देशहित में ही सबका हित है। इसलिए हम लोगों को ऐसी सरकार बनानी है जो देशहित को सबसे ऊपर रखती हो। आज रामलला टाट से भव्य महल में ठाठ से विराजमान हुए हैं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के सदस्य भिक्खु शीलरतन बौद्ध, श्री दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी श्रावस्ती के अध्यक्ष संजीव जैन और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी लखनऊ के संगठन मंत्री सरदार रणवीर सिंह उपस्थित रहे।
इस अवसर पर प्रान्त सामाजिक सद्भाव प्रमुख राजेन्द्र, विभाग सामाजिक सद्भाव प्रमुख सुशील जैन, भारत तिब्बत सहयोग मंच पूर्वी क्षेत्र के संयोजक मनोज श्रीवास्तव, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी, विभाग सेवा प्रमुख सुभाष अग्रवाल, विभाग कुटुम्ब प्रबोधन प्रमुख डॉ. कमलेश और डा.राम कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।