कोलकाता, 15 अगस्त। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में बुधवार रात को अचानक हिंसा भड़क गई। आजादी वाले दिन की आधी रात जब लाखों की संख्या में महिलाएं और पुरुष कोलकाता की सड़कों पर थे तब अचानक एक समूह ने इमरजेंसी विभाग के गेट को तोड़ने की कोशिश की, जिससे अस्पताल में अफरातफरी मच गई।  घटना के दौरान पुलिस को मौके पर बुलाया गया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि तोड़फोड़ करने वाले लोग कौन थे। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, स्थिति को काबू में करने की कोशिश के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस घटना ने ‘रात कब्जा’ अभियान के दौरान शहर में खलबली मचा दी।

इस घटना की शुरुआत रात में तब हुई जब महिलाओं के एक समूह ने ‘रात दखल’ कार्यक्रम के तहत अस्पताल के सामने विरोध प्रदर्शन किया। आरोप है कि उसके बाद ही एक समूह ने पुलिस बैरिकेड तोड़कर अस्पताल के अंदर प्रवेश किया और इमरजेंसी गेट को तोड़ने की कोशिश की। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि हमलावरों के पास लाठियां, रॉड और पत्थर थे, जिनसे उन्होंने कई वार्डों के शीशे और पुलिस की गाड़ियों को तोड़ दिया।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया और रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) को तैनात किया गया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े और हमलावरों के एक हिस्से को खदेड़ने में कामयाबी हासिल की, लेकिन स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं आ सकी। हमलावरों की ओर से पुलिस पर ईंटें फेंकी गई, जिससे एक पुलिसकर्मी के सिर पर गंभीर चोट आई है।

आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस ने शुरुआत में घटना पर प्रतिक्रिया करने में देर की। अचानक हुए इस हमले के दौरान पुलिस ने तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की? इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिल सका है।

घटना की निंदा करते हुए तृणमूल कांग्रेस नेता शांतनु सेन ने कहा, “यह घटना बेहद निंदनीय है। हम सभी चाहते हैं कि आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के दोषियों को सजा मिले। लेकिन आंदोलन के नाम पर अगर किसी मरीज को लौटना पड़े, तो यह स्वीकार्य नहीं है। साथ ही, इस तरह की तोड़फोड़ को भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”

गौरतलब है कि आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में ‘रात दखल’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। लेकिन इस बीच हुई इस हिंसा ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि इस हमले के पीछे कौन लोग थे।

अभिषेक बनर्जी ने की 24 घंटे में दोषियों को पकड़ने की मांग

तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने आरजी कर अस्पताल में आधी रात को हुई हिंसक घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने पुलिस से 24 घंटे के भीतर ‘अपराधियों’ को पकड़ने की मांग की। अभिषेक बनर्जी ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर इस घटना की तीव्र निंदा करते हुए लिखा, “आरजी कर में हुई गुंडागर्दी सभी सीमाओं को पार कर गई है। एक जनप्रतिनिधि के रूप में मैंने कोलकाता पुलिस आयुक्त से बात की है और उनसे अनुरोध किया है कि इस घटना में शामिल तत्वों के खिलाफ 24 घंटे के भीतर कार्रवाई की जाए, चाहे उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांगें न्यायसंगत हैं। सरकार से सुरक्षा की मांग करना न्यूनतम अधिकार है, इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।”

पुलिस कमिश्नर की सफाई

घटना की जानकारी मिलते ही कोलकाता पुलिस के आयुक्त विनीत गोयल घटनास्थल पर पहुंचे। स्थिति का जायजा लेने के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि इस घटना में डीसीपी नॉर्थ को भी गंभीर चोटें आई हैं और वे बेहोश हो गए। उन्होंने आंदोलन के दौरान पैदा हुई स्थितियों के लिए मीडिया की गलत रिपोर्टिंग को दोषी ठहराते हुए कहा कि कोलकाता पुलिस इस मामले को लेकर चिंतित है। आयुक्त ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोलकाता पुलिस ने आरजी कर की घटना की जांच के लिए हर संभव प्रयास किया है। मैं जिम्मेदारी से कह सकता हूं कि मेरे सहकर्मी दिन-रात मेहनत कर इस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सबूत जुटाने में कोई कमी नहीं रखी। मुख्य आरोपित को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। हम परिवार के साथ खड़े हैं और कई तरह की अफवाहों का खंडन करते हैं।

शुभेंदु ने ममता पर साधा निशाना

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दोषी ठहराया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “ममता बनर्जी ने ही तृणमूल के गुंडों को राजनीतिक रैली में भेजा था। उनका मानना था कि उनके गुंडे प्रदर्शनकारियों की भीड़ में घुल-मिलकर आरजी कर अस्पताल में गुंडागर्दी करेंगे और लोग कुछ नहीं समझ पाएंगे। पुलिस ने गुंडों के भागने का रास्ता बनाया। जहां भी महत्वपूर्ण सबूत थे, वहां तोड़फोड़ की गई, ताकि सीबीआई उन सबूतों तक न पहुंच सके लेकिन प्रदर्शनकारियों के मंच को तोड़कर इन गुंडों का सारा खेल सामने आ गया है।