मुंबई, 15 सितंबर। भारत की उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को मुंबई में कहा कि संविधान मंदिर भारत के संविधान के प्रति जागरुकता के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर भारतीय संविधान के निर्माता हैं और भारतीय संविधान हर तरह से अद्वितीय है। मुंबई के एल्फिंस्टन टेक्निकल स्कूल और जूनियर कॉलेज में कौशल विकास विभाग और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय के तहत संचालित 434 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में ‘संविधान मंदिर’ का उद्घाटन रविवार को उपराष्ट्रपति के हाथों किया गया।

जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारतीय संस्कृति का सार हमारे संविधान में समाहित है। भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का संविधान निर्माण में महान योगदान रहा है। भारत का संविधान हर तरह से अद्वितीय है और संविधान के सार को समझना आवश्यक है। वंचितों के विकास के लिए भारत रत्न डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर ने जीवन भर कड़ी मेहनत की। आरक्षण का आधार सामाजिक न्याय है और वंचितों को मुख्यधारा में लाने पर जोर दिया जाना चाहिए। नई पीढ़ी के लिए डॉ. अंबेडकर के योगदान को समझना जरूरी है और उस लिहाज से संविधान मंदिर पहल बहुत उपयोगी होगी। इसका सारा श्रेय हमारे संविधान को जाता है। भारतीय हमारी पहली पहचान है और हमें संविधान का सदैव सम्मान करना चाहिए।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि हमारे संविधान के निर्माता डॉ. बाबा साहब अंबेडकर ने 1904 से 1907 तक जहां पढ़ाई की थी, वहां खड़ा होने पर गर्व महसूस हो रहा है। एलफिंस्टन टेक्निकल हाई स्कूल देश में आज के कौशल विकास विभाग की नींव रखने वाला पहला स्कूल है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि महाराष्ट्र में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में संविधान मंदिर स्थापित किये जा रहे हैं। सभी छात्रों को हमारे संविधान की रचना और उससे जुड़ी सभी जानकारियों को समझना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य शिक्षा प्रणाली को बदलना, कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए छात्रों को 21वीं सदी के लिए तैयार करना है।