
बीरभूम, 11 मार्च । दोल पूर्णिमा से पहले मंगलवार शांतिनिकेतन स्थित विश्वभारती विश्वविद्यालय परिसर में पारंपरिक बसंत उत्सव मनाया गया। मुख्य उत्सव की शुरुआत मंगलवार सुबह बैतालिक और प्रातःकालीन कार्यक्रम से की गई, जिसका समापन ‘रंगिये दिए जाओ’ गीत के साथ हुआ।
सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष विश्वभारती प्राधिकारियों ने परिसर के अंदर अबीर या रंग खेलने की अनुमति नहीं दी है। इस निर्णय के खिलाफ विद्यार्थियों ने काफी उत्साह के साथ महोत्सव में भाग लिया। यद्यपि विश्वभारती परिसर के बाहर अबीर खेलते देखे गए। माहौल पारंपरिक प्रदर्शनों, गीतों और नृत्यों से जीवंत हो उठा। वसंतोत्सव के दौरान शांतिनिकेतन में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ देखी गई।
विश्वभारती सूत्रों के अनुसार, रवीन्द्र भवन मंगलवार को पर्यटकों के लिए बंद रखा गया। इसी अनुसार, आज वसंतोत्सव छात्रों, प्रोफेसरों और श्रमिकों के साथ मनाया गया। विश्वभारती प्राधिकारियों ने इस उत्सव को वसंत वंदना नाम दिया है।