कोलकाता, 19 फरवरी । पश्चिम बंगाल विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक बयान को लेकर राजनीतिक घमासान मच गया है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने उनके बयान को ‘धमकी’ करार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय से शिकायत करने की बात कही है। इस बीच, भाजपा नेता एवं कलकत्ता हाई कोर्ट के वकील कौस्तव बागची ने राज्यपाल डॉक्टर सी.वी. आनंद बोस को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

मंगलवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पर निशाना साधते हुए कहा, “आप एक विशेष समुदाय के खिलाफ इतनी ज्यादा बयानबाजी कर रहे हैं। अगर वे कभी आंदोलन के लिए खड़े हो गए, तो क्या आप उसे संभाल पाएंगे?”

भाजपा नेता कौस्तव बागची ने इस बयान का वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए सवाल उठाया, “क्या मुख्यमंत्री विपक्ष के नेता को उग्रवादियों की ओर से धमकी दे रही हैं?” इसके बाद उन्होंने राज्यपाल को एक पत्र भेजकर इस मामले में दखल देने की मांग की।

शुभेंदु अधिकारी ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद शुभेंदु अधिकारी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री कह रही हैं कि अगर एक विशेष समुदाय के लोग मेरे खिलाफ एकजुट हो गए तो क्या होगा? मैं इस बयान के वीडियो क्लिपिंग के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करूंगा। मुझे कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सुरक्षा दी गई है। मैं हाई कोर्ट भी जाऊंगा और मांग करूंगा कि मुख्यमंत्री को इस तरह के भड़काऊ बयान देने से रोका जाए।”

इस पूरे विवाद के बीच, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और भाजपा के तीन अन्य विधायकों को सोमवार को विधानसभा में कथित रूप से ‘अशोभनीय आचरण’ के चलते एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिकारी ने कहा, “चूंकि मैं भाजपा से हूं, इसलिए मुझे निलंबित किया गया। जब वाममोर्चा या कांग्रेस विविपक्ष में थे, तब ऐसा कभी नहीं हुआ।”