
कोलकाता, 19 जून। नदिया ज़िले की कालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव के मतदान के दौरान एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा उम्मीदवार आशिष घोष पर बूथ से बाहर निकलते समय कैमरे के सामने ‘मध्यमा उंगली’ दिखाने का आरोप लगा है। इसे लेकर चुनाव आयोग ने रिपोर्ट तलब की है और तृणमूल कांग्रेस ने इस कृत्य को ‘अशालीन’ और ‘बंगाल की संस्कृति के खिलाफ़’ बताया है।
गुरुवार सुबह देवग्राम के अन्नपूर्णा प्राइमरी स्कूल स्थित 173 नंबर बूथ पर मतदान करने पहुंचे आशिष घोष ने वोट डालने के बाद कैमरे की ओर अपनी उंगली दिखाई, जिस पर चुनावी स्याही लगी थी। लेकिन यह उंगली उनकी मध्यमा थी, जिसे आम तौर पर आपत्तिजनक इशारे के रूप में देखा जाता है। यही कारण है कि यह हरकत विवादों में घिर गई।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता देवांशु भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा तो चुनाव के बाद जनता को यही उंगली दिखाती आई है, इस बार तो चुनाव शुरू होते ही उनकी असली मानसिकता सामने आ गई। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी टिप्पणी करते हुए लिखा, “प्रत्याशी ने उंगली दिखाई और साजिश का आरोप हम पर?”
विवाद पर सफाई देते हुए आशिष घोष ने कहा कि यह सब एक पूर्व-नियोजित साजिश का हिस्सा है। उन्होंने दावा किया कि जानबूझकर उनकी मध्यमा उंगली पर स्याही लगाई गई थी और इसलिए उन्हें मजबूरन वही उंगली कैमरे को दिखानी पड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह चुनाव कर्मियों की गलती है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने पूरे मामले की निगरानी शुरू कर दी है। खबर है कि आयोग ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है।
इस बीच, दिन की शुरुआत में ही देवग्राम के चांदघर आदर्श विद्यालय स्थित 54 नंबर बूथ पर आशिष घोष की प्रिसाइडिंग ऑफिसर से बहस हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा एजेंट को बूथ के भीतर बैठने नहीं दिया जा रहा था। प्रिसाइडिंग ऑफिसर को उन्होंने ‘तृणमूल का कैडर’ बताया। हालांकि बाद में अधिकारी ने इसे गलतफहमी करार दिया और बताया कि भाजपा एजेंट को अंदर बैठने दिया गया।
तृणमूल कांग्रेस की ओर से कालीगंज ब्लॉक अध्यक्ष देबव्रत मुखर्जी ने कहा कि भाजपा बंगाल की संस्कृति को खराब करने वाली एक बाहरी पार्टी है। यह घटना उसी मानसिकता की झलक है।