देहरादून, 20 जून । केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे। वन मंत्री ने वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर इस आपदा से निपटने संबंधी उपायों की समीक्षा की। उन्होंने नरेंद्रनगर वन प्रभाग के अंतर्गत शिवपुरी, हिंडोलाखाल, बेमुंडा, आगराखाल आदि वन रेंजों का दौरा कर वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।

केंद्रीय वन मंत्री ने भागीरथी वृत्त के अंतर्गत नरेंद्र नगर एवं टिहरी वन प्रभागों में विभिन्न स्थलों का दौरा कर वनाग्नि से प्रभावित सुदूर वन क्षेत्र एवं वन विभाग की तैयारियाें की समीक्षा की। नरेंद्रनगर रेंज के अंतर्गत हिंडोला खाल, बेमुंडा एवं आगराखाल क्षेत्र में वनाग्नि से प्रभावित वन क्षेत्रों, वन विभाग के उपायों एवं प्रदान किए जा रहे सहयोग का भी जायजा लिया।

हिंडोलाखाल में दौरे के दौरान केंद्रीय वन मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाएं ज्यादा हो गई थी। ये घटनाएं ज्यादातर चीड़ के जंगलों में घटित हुई हैं। जंगलों में वनाग्नि की घटनाएं बढ़ी हैं। भ्रमण के दौरान इनकी मॉनिटरिंग करने के साथ बैठकें भी की गई। इसमें आग लगने के स्थानीय कारणों का पता लगाने की कोशिश की गई। वन मंत्री ने कहा कि आज हालात नियंत्रण में हैं, इसलिए स्थलीय निरीक्षण आवश्यक था ताकि यहां की भौगोलिक परिस्थितियों का जायजा लिया जा सके। जनसहभागिता और जनसहमति सुनिश्चित करने के साथ शासन और वन विभाग समन्वय के साथ आग की घटनाओं को रोक सके। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए मिलकर काम कर रही है।

बेमुंडा क्रू स्टेशन पर केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं और ग्रामीणों के साथ संवाद किया। जंगलों में आग लगने के कारणों पर चर्चा की। उन्होंने वनाग्नि को बुझाने में लगे वन कर्मियों से भी बात की और क्रू स्टेशन का जायजा लिया।

उल्लेखनीय है कि हिंडोलाखाल में बांज प्रजाति के वन क्षेत्र हैं। इसमें पूर्व में कतिपय वनाग्नि की दुर्घटनाएं हुई हैं। बेमुंडा में वन विभाग की ओर से क्रू स्टेशन की स्थापना की गई है, ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास वन क्षेत्र में वनाग्नि की घटनाओं के संबंध में सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्रवाई की जा सके। बेमुंडा क्रू स्टेशन अत्यंत संवेदनशील वन क्षेत्र के निरीक्षण करने में सहायक है।

इसी क्रम में आगराखाल स्थित सामुदायिक उन्नति केंद्र का भी केंद्रीय मंत्री ने निरीक्षण किया और स्थानीय समुदाय से कार्यों का जायजा लिया। इस क्षेत्र में स्थानीय समुदाय द्वारा वन विभाग को वनाग्नि से निपटने में सहयोग भी प्रदान किया जाता है।

वनाग्नि से निपटने के लिए तैयारी और सघन करे विभाग

केंद्रीय मंत्री ने बादशाही ढोल में चीड़ के वनों में हुई अग्नि दुर्घटनाओं के क्षेत्र का भी मौके पर जाकर निरीक्षण किया और अधिकारियों से वार्ता कर अग्नि को रोकने एवं उससे निपटने के संबंध में प्रयासों की समीक्षा की। केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि वन विभाग वनाग्नि से निपटने के लिए तैयारी को और अधिक सघन करे। उन्होंने निर्देशित किया कि आग की सूचना प्राप्त होने पर कम से कम समय में उससे निपटने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

वनाग्नि की घटनाएं एवं उससे हुई जान-माल की क्षति पर व्यक्त की चिंता

केंद्रीय वन मंत्री ने वनाग्नि के मामलों में स्थानीय समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करने पर भी बल दिया। उन्होंने स्थानीय समुदाय को भी इस संबंध में प्रेरित किया। हाल ही में हुई वनाग्नि की घटनाओं एवं उससे हुई जान-माल की क्षति पर भी चिंता व्यक्त की। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बादशाहीथौल फारेस्ट रेंज में वन विभाग के अधिकारियों और वन कर्मियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने वनाग्नि से निपटने के लिए जो उपकरण हैं उनका निरीक्षण किया और वन कर्मियों से उन उपकरणों की जानकारी ली।

इस दौरान उत्तराखंड सरकार के वन मंत्री सुबोध उनियाल, पूर्व कैबिनेट मंत्री किशोर उपाध्याय आदि थे।