काठमांडू, 30 दिसम्बर। पोखरा में बिना किसी दीर्घकालिक योजना के अन्तरराष्ट्रीय विमानस्थल के निर्माण की योजना बनाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग उठ रही है। अन्तरराष्ट्रीय संबंध तथा पर्यटन समिति के सभापति राजकिशोर यादव ने कहा कि सिर्फ चीन को खुश करने के लिए बिना किसी दूरदृष्टि के देश के अरबों रुपये झोंक देना किसी राष्ट्रद्रोह से कम नहीं है।

नेपाल नागरिक उड्डययन प्राधिकरण के 17वें वार्षिकोत्सव में सांसद राजकिशोर यादव ने कहा कि जिस सरकार के कार्यकाल में पोखरा में अन्तरराष्ट्रीय विमानस्थल निर्माण की योजना बनी, उस समय के प्रधानमंत्री और संबंधित मंत्रालय के मंत्री को यह जवाब देना होगा कि यह फैसला चीन के दबाब में किया गया या फिर चीन को खुश करने के लिए किया गया था? पोखरा अन्तरराष्ट्रीय विमानस्थल का उद्घाटन हुए एक साल होने जा रहा है और आज तक वह नियमित संचालन में नहीं आ पाया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संसदीय समिति के सभापति यादव ने कहा कि बिना किसी दीर्घकालिक योजना के विमानस्थल निर्माण पर चीन से अरबों रुपये का ऋण लेकर इसे बनाना और आज एयरपोर्ट के नियमित संचालन नहीं होने के बावजूद देश को ऋण के जाल में फंसने देने का दोषी कौन है? उन्होंने कहा कि किन परिस्थितियों में और किसके दबाब में इतना बड़ा फैसला लिया गया था, यह जगजाहिर है।

संसदीय समिति के सभापति ने भैरहवा में निर्मित गौतम बुद्ध अन्तरराष्ट्रीय विमानस्थल को लेकर भी सवाल उठाया है? उस विमानस्थल का उद्घाटन हुए लगभग दो वर्ष होने जा रहा है लेकिन आज तक वह विमानस्थल भी संचालन में नहीं आ पाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सीमावर्ती शहर के इतने नजदीक में विमानस्थल निर्माण का ठेका किसी चीनी कंपनी को क्यों दिया गया? क्यों सरकार ने भारत की सुरक्षा और सामरिक रणनीति का ख्याल नहीं रखा? उन्होंने कहा कि भैरहवा और पोखरा विमानस्थलों का नियमित संचालन नहीं होने पर भारत को दोष देना ठीक नहीं है।