नई दिल्ली, 07 सितंबर । बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करने के मकसद से शुरू किए गए राष्ट्रीय पोषण माह के तहत पिछले छह दिनों में देश भर में 1.37 करोड़ गतिविधियां आयोजित की गईं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार 7वें राष्ट्रीय पोषण माह के 6ठें दिन तक 35 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 752 जिलों से 1.37 करोड़ गतिविधियां आयोजित की गईं हैं। सबसे अधिक कार्यक्रम आयोजित करने वाले राज्यों में बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इस अभियान में शिक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि गुजरात में गांधीनगर के महात्मा मंदिर में 31 अगस्त को शुरू किया गया सातवां राष्ट्रीय पोषण माह बेहतर प्रशासन के लिए प्रौद्योगिकी के साथ-साथ एनीमिया, विकास की निगरानी, पूरक आहार और पोषण भी पढ़ाई भी जैसे प्रमुख विषयों पर केंद्रित है। इस अभियान के तहत एक पेड़ मां के नाम पहल के जरिये पर्यावरण सस्टेनेबिलिटी पर भी जोर दिया गया है। इस अभियान के तहत सभी चालू 13.95 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों में पौधारोपण को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मंत्रालय के मुताबिक डब्ल्यूसीडी के नामित पदाधिकारियों को करीब 10 लाख उन गतिविधियों को चिह्नित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, जिनका उद्देश्य आईसीटी एप्लिकेशन पोषण ट्रैकर से जुड़े पोषण संकेतकों और कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन एवं निगरानी में मदद करना है। इस पोषण माह में अब तक सबसे अधिक योगदान देने वाला मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय (एमओई) है, जिसकी 1.38 लाख गतिविधियां हैं। उसके बाद 1.17 लाख गतिविधियों के साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएंडएफडब्ल्यू), 1.07 लाख गतिविधियों के साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी), 69 हजार गतिविधियों के साथ आयुष मंत्रालय और 64 लाख गतिविधियों के साथ पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) पोषण माह 2024 के किसी न किसी विषय पर गतिविधियां आयोजित कर रहे हैं।