यरुशलम, 22 दिसंबर। गाजा पट्टी में इजरायली सेना और हमास के बीच जारी भीषण लड़ाई के बीच संयुक्त राष्ट्र की आई रिपोर्ट युद्ध की भयावता के साथ डराने वाली है। इजराइली विमानों द्वारा गुरुवार को किए भीषण हमले व बमबारी में कई लोगों के मारे जाने की सूचना है। अमेरिका, यूरोपीय देश लगातार इजराइल पर युद्धविराम का दबाव बना रहे हैं। युद्ध की वजह से अब तक 20 हजार से ज्यादा फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र समर्थित निकाय ने गुरुवार को एक रिपोर्ट साझा की है।
रिपोर्ट के अनुसार गाजा में 2.3 मिलियन यानी 23 लाख लोग भुखमरी के संकट से जूझ रहे हैं। वहीं, युद्ध की वजह से गाजावासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है, जिसकी वजह से अकाल का खतरा हर दिन बढ़ रहा है। एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण की एक रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में लोग दो-जून की रोटी के लिए मशक्कत कर रहे हैं।
कुछ दिनों पहले मिस्र की ओर से गाजा वासियों के लिए भोजन, पानी और दवाएं भेजी गई थी। हाालांकि, यह मदद ऊंच के मुंह में जीरे जैसी है। रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में मौजूद दस प्रतिशत लोगों को ही इस मदद से लाभ मिलने वाला है।
आईपीसी की रिपोर्ट में आगे जानकारी दी गई कि गाजा में ईंधन की जबरदस्त कमी है। कुछ दिनों पहले कई वीडियो वायरल हुए जिसमें देखा गया कि जैसे ही मानवीय सहायता लेकर ट्रक गाजा पहुंचे, गाजावासी ट्रकों पर सहायता सामग्री लेने के लिए टूट पड़े।
सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने गाजा में राहत सामग्री की धीमी आपूर्ति पर चिंता जताई है। कहा कि इसे लेकर विश्व में व्यापक चिंता है। इससे आमजन प्रभावित हो रहे हैं। हम राहत सामग्री की आपूर्ति तेज करने पर विचार कर रहे हैं। अमेरिका की सहमति से सुरक्षा परिषद में इससे संबंधित प्रस्ताव लाए जाने की तैयारी चल रही है।
दक्षिणी गाजा में भी बुधवार-गुरुवार की रात इजरायल ने भीषण बमबारी की। मिस्र की सीमा के नजदीक बसे रफाह कस्बे में गुरुवार सुबह हुई बमबारी में चार लोग मारे गए हैं। गाजा में चिकित्सा सुविधाएं संचालित करने वाली संस्था रेड क्रीसेंट ने कहा है कि लगातार चल रही लड़ाई और बमबारी के चलते वह जबालिया सहित कई स्थानों पर एंबुलेंस भेजकर वहां से मृतकों और घायलों को लाने की स्थिति में नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि उत्तरी गाजा में आखिरी अस्पताल भी बंद होने के कगार पर है।