– मोरमुगाओ बंदरगाह पर समापन समारोह की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे

नई दिल्ली, 27 मई । आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर विश्व परिक्रमा के लिए निकलीं भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी 29 मई को गोवा के तट पर लौटेंगी। भारतीय नौसेना नाविका सागर परिक्रमा II के विजयी दल का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस असाधारण नौकायन अभियान को पिछले साल 02 अक्टूबर को गोवा के नौसेना महासागर नौकायन नोड से रवाना किया गया था। गोवा के मोरमुगाओ बंदरगाह पर इस ऐतिहासिक घटना के ध्वजारोहण समारोह की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे, जो औपचारिक रूप से जल यात्रा के समापन का प्रतीक होगा।

नौकायन पोत तारिणी से नौसेना की दो साहसी महिला अधिकारियों लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए को 02 अक्टूबर को इस चुनौतीपूर्ण अभियान पर गोवा से रवाना किया गया था। आठ महीनों के दौरान नौसेना की इस जोड़ी ने चार महाद्वीपों, तीन महासागरों और तीन ग्रेट केप में 25,400 एनएम (लगभग 50,000 किमी) की दूरी तय की, जिसमें मौसम की प्रतिकूल स्थिति और चुनौतीपूर्ण समुद्रों का सामना किया। दोनों महिलाओं ने फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिटलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेनली (फॉकलैंड द्वीप) और केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका) के बंदरगाहों पर विराम लिया।

इस दौरान इन महिला अधिकारियों ने कई कूटनीतिक और आउटरीच कार्यक्रमों में भाग लिया, दुनिया भर के सांसदों, भारतीय प्रवासियों, स्कूली बच्चों, नौसेना के कैडेटों और विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ बातचीत की। उनकी उपलब्धियों के लिए पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई संसद में विशेष आमंत्रित के रूप में सम्मानित किया गया। उनकी उपलब्धियों को स्थानीय समुदायों, अंतरराष्ट्रीय नौकायन संगठनों और विदेशी संसदों से सराहना मिली, जो महिला सशक्तीकरण, समुद्री उत्कृष्टता और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में काम कर रहे हैं।

यात्रा के दौरान चालक दल को 50 नॉट (93 किमी प्रति घंटे) की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ-साथ तूफानी मौसम की स्थिति और बेहद ठंडे तापमान का सामना करना पड़ा। हालांकि प्रत्येक चरण की अपनी चुनौतियां थीं, लेकिन लिटलटन से पोर्ट स्टेनली तक की यात्रा का तीसरा चरण सबसे कठिन था। चालक दल ने तीन चक्रवातों का सामना किया, खतरनाक ड्रेक पैसेज से गुजरा और केप हॉर्न को सफलतापूर्वक पार किया। यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व-संध्या पर रक्षा मंत्री के साथ चालक दल को बातचीत करने का अवसर मिला। इसके अलावा नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने भी विभिन्न अवसरों पर चालक दल के साथ बातचीत की।