कोलकाता, 09 अगस्त । पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन के बाद उनकी कॉर्निया के दान से दो लोगों की दृष्टिहीनता समाप्त हो गई है। रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थैल्मोलॉजी (आरआईओ) के निदेशक डॉ. असीम कुमार घोष ने बताया कि बुद्धदेव भट्टाचार्य की कॉर्निया को दो व्यक्तियों में प्रत्यारोपित किया गया है, जो कॉर्निया संबंधी अंधत्व से पीड़ित थे। दोनों अब स्वस्थ हैं। शुक्रवार को उन्होंने बताया कि गुरुवार रात ही प्रतिस्थापन किया गया था और ऑपरेशन सफल रहा है।

डॉ. असीम ने बताया कि कॉर्निया प्रत्यारोपण के दौरान मरीजों के नाम और पहचान को गोपनीय रखा जाता है, और इस मामले में भी इस प्रक्रिया का पालन किया गया है।

बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन गुरुवार सुबह हुआ और दोपहर तक उनकी कॉर्निया को संग्रहित कर लिया गया। रात में यह प्रत्यारोपण प्रक्रिया पूर्ण हो गई।

बुद्धदेव भट्टाचार्य के रेटिना में समस्या थी, लेकिन उनकी कॉर्निया में कोई दिक्कत नहीं थी। उन्होंने कभी मोतियाबिंद की सर्जरी नहीं कराई थी, जिससे उनकी कॉर्निया की गुणवत्ता अच्छी बनी रही। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही उनकी दृष्टि कमजोर थी, लेकिन सर्जरी नहीं करवाने के पीछे उनका सोच-समझकर लिया गया निर्णय हो सकता है। आमतौर पर मोतियाबिंद की सर्जरी से कॉर्निया की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

गुरुवार रात को, बुद्धदेव भट्टाचार्य का शव पीस वर्ल्ड में रखा गया था। शुक्रवार सुबह 10:30 बजे उनके पार्थिव शरीर को निकालकर उनकी अंतिम यात्रा की शुरू हुई। दोपहर 12:00 बजे उनके शरीर को सीपीएम के राज्य मुख्यालय, अलीमुद्दीन स्ट्रीट ले जाया गया। जहां उनकी पार्थिव देह शाम 3:00 बजे तक रखी जाएगी। इसके बाद, उनके शरीर को दीनेश मजूमदार भवन, जो कि सीपीएम की छात्र और युवा शाखा का राज्य कार्यालय है, में रखा जाएगा। वहां उनका शव 3:45 बजे तक रखा जाएगा।

श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद, उनके शरीर को मेट्रोपोलिटन मेडिकल कॉलेज में ले जाया जाएगा, जहां उनके शरीर को भविष्य की चिकित्सा शोध के लिए दान किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि बुद्धदेव भट्टाचार्य के पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री ज्योति बसु का शरीर भी 2010 में एसएसकेएम अस्पताल में दान किया गया था।