
बीरभूम, 8 नवंबर । बीरभूम जिले के लाभपुर के कुसुमगोरिया गांव में बकरी चराने को लेकर दो गुटों में हुई हिंसक झड़प में एक तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत हो गई। मृतक का नाम अब्दुल रहमान मलिक (65) है। शुक्रवार रात को एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ा।
पुलिस और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, विवाद की शुरुआत बुधवार सुबह हुई थी। उस दिन तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच तीखी झड़प हुई। एक गुट ने दूसरे पर खेत में बकरियां चराने और धान नष्ट करने का आरोप लगाया था। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि लाठी, लोहे की रॉड और बांसों से दोनों पक्षों में भिड़ंत हो गई।
चौंकाने वाली बात यह है कि यह हिंसक संघर्ष पुलिस की मौजूदगी में ही हुआ। इस झड़प में कम से कम छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हीं में से एक थे अब्दुल रहमान मलिक, जिनकी शुक्रवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई।
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि पंचायत टेंडर बंटवारा और गांव में दबदबे की लड़ाई को लेकर दोनों गुटों में पहले से ही तनाव चल रहा था। बकरियां चराने को लेकर हुआ यह विवाद उसी गुटीय संघर्ष का परिणाम बताया जा रहा है।
स्थिति बिगड़ने पर लाभपुर थाने की पुलिस ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर हालात नियंत्रित करने की कोशिश की। बाद में बोलपुर के एसडीपीओ रिकी अग्रवाल की अगुवाई में बड़ी पुलिस फोर्स ने गांव में फ्लैग मार्च किया और अस्थायी पुलिस कैंप स्थापित किया गया।
हालांकि, स्थानीय विधायक अभिजीत सिंह ने गुटबाज़ी की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा, “गांव में बकरियों द्वारा धान खाने को लेकर दो परिवारों में विवाद हुआ। इसका राजनीति या पार्टी से कोई संबंध नहीं है। यहां कोई गुटीय संघर्ष नहीं है, सभी लोग तृणमूल के कार्यकर्ता हैं।”
इस बीच तृणमूल कार्यकर्ता की मौत के बाद शुक्रवार रात से इलाके में फिर से तनाव फैल गया है। पुलिस ने गांव में सुरक्षा बढ़ा दी है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।







