कोलकाता, 7 जून । प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के मछली निर्यात कारोबार से जुड़ी दो फर्मों की भूमिका की जांच कर रहे हैं।

केंद्रीय एजेंसी की प्रारंभिक जांच के अनुसार, शाहजहां के स्वामित्व वाली मत्स्य पालन इकाइयों में उत्पादित मछलियां या अन्य मत्स्य पालन इकाइयों के मालिकों से कम कीमत पर खरीदी गई मछलियां इन दो कॉर्पोरेट संस्थाओं के माध्यम से निर्यात की जाती थीं। सूत्रों ने बताया कि शाहजहां इन दोनों मछली पालन और मछली उत्पाद निर्यात फर्मों के संचालन को नियंत्रित करता था। इनमें से एक फर्म उसकी बेटी शेख सबीना और दूसरी उसके भाई शेख सिराजुद्दीन के नाम पर पंजीकृत है।

पहली इकाई शेख सबीना के नाम पर पंजीकृत थी, लेकिन इसके दैनिक कामकाज शाहजहां के दूसरे भाई शेख आलमगीर संभालते थे।जहां शाहजहां और आलमगीर दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं, वहीं सिराजुद्दीन फरार है।

सूत्रों ने बताया कि ईडी अधिकारियों के पास यह साबित करने के लिए ठोस सबूत  हैं कि इन दोनों संस्थाओं की खाता बही में दिखाए गए निर्यात की आय फर्जी है।

ईडी अधिकारियों की जांच से पता चलता है कि खाता बही में निर्यात आय का केवल एक छोटा हिस्सा दिखाया गया था और धन का एक बड़ा हिस्सा बांग्लादेश से हवाला के माध्यम से शाहजहां और उसके सहयोगियों के पास आया था। सूत्रों ने कहा कि ईडी इस बात की जांच कर रहा है कि क्या पीडीएस मामले की आय का एक हिस्सा मत्स्य पालन व्यवसाय में भी निवेश किया गया था, क्योंकि राशन वितरण मामले में जब्त दस्तावेजों की जांच से ऐसा ही पता चलता है। ईडी ने पता लगाया है कि आय का एक हिस्सा पहले मछली निर्यात व्यवसाय में निवेश किया गया था और बाद में हवाला के माध्यम से दुबई और बांग्लादेश में जमा कर दिया गया था।