वॉशिंगटन, 16 अगस्त । यूक्रेन युद्ध की समाप्ति को लेकर अलास्का में शुक्रवार को हुए महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कोई निर्णायक सहमति नहीं बन पाई। हालांकि दोनों शीर्ष नेताओं ने बैठक को काफी फलदायी बताया। पुतिन ने ट्रंप को अगली बैठक के लिए मॉस्को आमंत्रित किया जिसपर ट्रंप ने सहमति जताई। इन दोनों नेताओं की मुलाकात पर यूक्रेन सहित दुनियाभर की निगाहें टिकी थीं।

दी मॉस्को टाइम्स के मुताबिक अलास्का के एल्मेडॉर्फ-रिचर्डसन सैन्य बेस पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच बंद कमरे में बैठक हुई। जिसमें ट्रंप के साथ मार्को रूबियो, विटकॉफ और पुतिन के साथ सर्गेई लावरोव, वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव और आर्थिक सलाहकार किरिल दिमित्रिएव भी मौजूद थे।

इससे पहले इस बहुप्रतीक्षित बैठक के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन के अलास्का पहुंचने पर उनका गर्मजोशी भरा स्वागत हुआ। पुतिन के पहुंचने से पहले ही ट्रंप वहां पहुंच चुके थे और पुतिन के पहुंचने के बाद दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया। दोनों नेता एक ही कार में सम्मेलन स्थल के लिए रवाना हुए।

बैठक के लिए ट्रंप वॉशिंगटन और पुतिन मॉस्को से अलास्का पहुंचे थे। “शांति की खोज” की पृष्ठभूमि में आयोजित इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में पिछले तीन साल से भी ज्यादा समय से रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति का मुद्दा केंद्रीय था। इन दोनों शीर्ष नेताओं के बीच साल 2019 के बाद यह पहली आमने-सामने की बैठक थी। करीब दो घंटे 45 मिनट की बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि सम्मेलन में उन्होंने यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने की दिशा में प्रगति की है लेकिन वे ऐतिहासिक शांति समझौते पर नहीं पहुँच पाए।

साझा प्रेस कांफ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि उनकी बैठक काफी उपयोगी रही और कई मुद्दों पर सहमति भी बनी। हालांकि कुछ बड़ी बाधाओं के समाधान तक अभी नहीं पहुंचा जा सका है लेकिन उसमें भी प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि जब तक कोई समझौता अंतिम नहीं हो जाता, तब तक कोई समझौता मान्य नहीं होगा।

ट्रंप ने यह भी कहा कि वे इस मामले में हुई बातचीत का ब्यौरा यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी साझा करेंगे और नाटो से भी उनकी बातचीत होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि इस मुद्दे पर जल्द ही दोबारा मिलेंगे।

इस दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप को रूस आने का न्यौता देते हुए कहा कि ‘अगली बार मॉस्को में।’ जिसके जवाब में ट्रंप ने भी कहा कि वे इसे होते देख सकते हैं। पुतिन ने दोहराया है कि यूक्रेन की भौगोलिक स्थिति उनके देश की सुरक्षा के लिए बुनियादी खतरा है। उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक कारणों को खत्म करके ही इस मुद्दे पर स्थायी और दीर्घकालिक समझौते तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने की राष्ट्रपति ट्रंप की बात का वे स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि आज जिन बिंदुओं पर बात हुई है उससे शांति के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

हालांकि दोनों नेताओं ने 12 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बातचीत का कोई ब्यौरा नहीं दिया।इस दौरान दोनों नेताओं ने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।

उल्लेखनीय है कि यूक्रेन के साथ टकराव में रूस की मांग है कि डोनबास, खेरसॉन से यूक्रेन अपनी सेना हटाए, नाटो की सदस्यता की महत्वाकांक्षा छोड़ अपनी सेना को सीमित करे और उसे पश्चिमी देशों की सैन्य मदद खत्म हो। जबकि यूक्रेन का कहना है कि वह अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बार-बार दोहराया है कि यूक्रेन के बिना कोई शांति समझौता सफल नहीं होगा।