वाशिंगटन, 19 अगस्त। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने यूक्रेन और रूस के मध्य छिड़े युद्ध को रुकवाने के अपने प्रयासों के तहत सोमवार को व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की और यूरोपीय संघ के नेताओं से मुलाकात की। यह मुलाकात अलास्का शिखर सम्मेलन के सम्मेलन के कुछ दिनों बाद हुई है। ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अलास्का में युद्धविराम के मसले पर लगभग तीन घंटे चर्चा की थी। जेलेंस्की ने ओवल ऑफिस में राष्ट्रपति ट्रंप से समझौते पर आगे से बढ़ने से अपने देश की सुरक्षा की गारंटी मांगी। ट्रंप ने कहा कि अगर वह समझौता मानने को तैयार हैं तो यूक्रेन की सुरक्षा के लिए अमेरिका तैयार है। अगर जरूरत पड़ी तो अमेरिका अपने सैनिकों को यूक्रेन में तैनात करेगा।

द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और सात यूरोपीय नेताओं ने कल व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप से यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने पर महत्वपूर्ण बातचीत की। ओवल ऑफिस में जेलेंस्की ने ट्रंप से यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी में अमेरिका की भूमिका के बारे में बातचीत की। इस समझौते में यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी सबसे जटिल मुद्दा है। इसका मकसद यह है कि शांति समझौते पर सहमत होने के बाद रूस युद्ध को फिर से शुरू न करे।

राष्ट्रपति ट्रंप ने जेलेंस्की को भरोसा दिलाया कि यूक्रेन की अमेरिका सुरक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि किसी न किसी तरह से मदद की जाएगी। उन्होंने अमेरिकी सैनिकों की तैनाती की संभावना से भी इनकार नहीं किया। उन्होंने जेलेंस्की से पूछा कि यूक्रेन किस तरह की सुरक्षा गारंटी चाहता है? जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन को हर तरह की सुरक्षा की गारंटी चाहिए। इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच क्रीमिया पर भी चर्चा हुई। संभवतः जेलेंस्की इसके लिए तैयार हो गए हैं। जेलेंस्की ने इस दौरान बार-बार त्रिपक्षीय बैठक (जेलेंस्की- ट्रंप-पुतिन वार्ता) पर जोर दिया। ट्रंप ने कहा कि क्रेमलिन इसके लिए राजी नहीं है। बावजूद इसके वह कोशिश करेंगे कि त्रिपक्षीय वार्ता जल्द हो।

एनबीसी न्यूज के अनुसार, लगभग साढ़े तीन साल से चल रहे इस संघर्ष को सुलझाने के लिए व्हाइट हाउस में हुई इस बैठक में जेलेंस्की और ट्रंप के साथ कई यूरोपीय नेता शामिल हुए। ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर इसे जारी रहने दिया गया तो यह तीसरे विश्व युद्ध का रूप ले सकता है। यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिकी सैनिक शांति समझौते में मदद करेंगे, ट्रंप ने इस संभावना से इनकार नहीं किया।