पश्चिम सिंहभूम, 26 अगस्त ।  झारखंड-ओडिशा सीमा को जोड़ने वाली  बैतरणी नदी पर स्थित जैंतगढ़-चंपूआ एनएच-20 पुलिया वर्षों से जर्जर हालत में है। इस पुल की खराब स्थिति के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को क्षेत्र के नवयुवकों ने श्रमदान कर पुल की सफाई और गड्ढों की अस्थायी मरम्मत का कार्य किया।

पुल की हालत इतनी खराब थी कि लोग बाइक और स्कूटी से गिरकर घायल हो रहे थे। कई बार सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों के जरिए सरकार व प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित किया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

मंगलवार को आमीर हिन्दुस्तानी, शंभू गुप्ता, हसीन अख्तर, मोअज्जम आलम, आदिल कुमार, अमर राठौर, तस्लीम अंसारी समेत दर्जनों युवाओं ने मिलकर मेटल डस्ट और अन्य मलबे से गड्ढों को भरा ताकि मार्ग फिलहाल सुरक्षित बन सके।

सामाजिक कार्यकर्ता आमीर हिन्दुस्तानी ने कहा यह पुल महज एक संरचना नहीं, बल्कि झारखंड और ओडिशा की जनता के लिए लाइफलाइन है। अगर जल्द स्थायी मरम्मत नहीं की गई, तो बड़ा हादसा हो सकता है।

समाजसेवी शंभू गुप्ता ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा यह पुल दो राज्यों के लोगों को जोड़ता है, इसकी उपेक्षा करना जनहित के खिलाफ है। प्रशासन को अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए।

युवाओं ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर पुल की मरम्मत पर कोई पहल नहीं होती, तो वे आपसी सहयोग से पैसा जुटाकर स्थायी मरम्मत कराने के लिए बाध्य होंगे।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस एकमात्र संपर्क मार्ग को प्राथमिकता में लेकर सुधार कार्य शुरू करने की मांग की है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह पुल एक बड़े हादसे का कारण बन सकता है।