अगरतला, 23 नवंबर। त्रिपुरा-मिजोरम सीमा पर जंपुई पहाड़ियों में रहने वाली मिजो आबादी ने गुरुवार को त्रिपुरा विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में मिजो भाषा को शामिल करने और पहाड़ियों में बुनियादी सेवा सुविधाओं में सुधार की मांग को लेकर एक विशाल रैली आयोजित की।

मिजो आबादी ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) परीक्षा के लिए मिजो को एक भाषा के रूप में शामिल करने, जंपुई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को अधिक विषयों के साथ स्नातक करने और विद्यार्थियों की सुविधा के लिए एक डिग्री कॉलेज स्थापित करने की मांग की। उनका कहना है कि  पहाड़ी लोगों को स्नातक की पढ़ाई के लिए शिलांग, आइजोल, अगरतला और अन्य शहरों में जाना पड़ता है।

 

यह रैली मिजोरम के सबसे मजबूत नागरिक समाज संगठनों यंग मिजो एसोसिएशन (वाईएमए) और मिजो जिरलाई पावल (एमजेडपी) के बैनर तले थी। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा के नाम जंपुई ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें जंपुई पहाड़ियों में एक दमकल केन्द्र स्थापित करने, आधार कार्ड सेल पंजीकरण सुविधाएं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जंपुई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुधार करने की मांग शामिल है।

 

ज्ञापन में जंपुई पहाड़ियों में पानी के संकट से निपटने के लिए जल उठाने की परियोजना को लागू करने, जंपुई पहाड़ियों में 33 केवी विद्युत लाइन स्थापित करने का प्रावधान करने, जंपुई पहाड़ियों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-4 पर काम जल्द पूरा करने तथा जम्पुई पहाड़ियों के गांवों में ध्वस्त जल आपूर्ति लाइनों को बहाल करने की मांग की गई।