अगरतला, 13 नवंबर। त्रिपुरा पुलिस ने दक्षिण त्रिपुरा में सबरूम के बैष्णबपुर गांव से 14 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले त्रिपुरा के पांच सीमावर्ती जिलों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अभियान चला कर मानव तस्करी गिरोह और सीमा पार अपराधों में शामिल होने के आरोप में 25 लोगों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए रविवार को सीमावर्ती गांव में एक घर पर छापा मारा और 14 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया, उनमें चार जोड़े और चार बच्चे शामिल थे, जो अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे।
पुलिस ने तीन भारतीय ग्रामीणों को भी गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान क्राइसु मोग, अथुभाई मोग और खोका त्रिपुरा के रूप में हुई, इन पर बांग्लादेशियों को अवैध रूप से देश की सीमा में दाखिल कराने का आरोप है। उन्हें सोमवार को अदालत में पेश कर आगे की जांच के लिए रिमांड की मांग की जाएगी।
इससे पहले, एनआईए ने असम पुलिस के साथ मिलकर 8 नवंबर को रोहिंग्या सहित मानव तस्करी और घुसपैठ से संबंधित गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों से 25 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। एनआईए ने एक ही समय में त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पांडिचेरी, तेलंगाना और हरियाणा में छापेमारी की और कुल 47 गुर्गों को गिरफ्तार किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल और पिछले साल त्रिपुरा और असम से बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या पकड़े गए और घुसपैठियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि अवैध प्रवासियों को गुप्त रास्तों से भारत में घुसने में मदद भारतीय बिचौलियों द्वारा की जाती है । यह बिचौलिए घुसपैठ और मानव तस्करी में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
अधिकारी ने कहा, “ जांच से पता चला कि सीमा पार अपराधियों का एक नेटवर्क पूरे भारत में मौजूद है, जो एक से अधिक राज्यों में प्रभाव के साथ एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता का विषय है।”
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और असम का उपयोग घुसपैठ और मानव तस्करी गतिविधियों के लिए गलियारे के रूप में किया जाता है।