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अगरतला, 02 नवम्बर। त्रिपुरा सरकार बंगलादेश में बिजली की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य में बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए एक बहुआयामी रणनीति पर विचार कर रही है। यह जानकारी राज्य के बिजली मंत्री रतन लाल नाथ ने गुरुवार को दी।
नाथ ने कहा कि बिजली बिक्री समझौते के अनुसार त्रिपुरा राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (टीएसईसीएल) 2016 से अगरतला के सूर्यमणि नगर ग्रिड के माध्यम से बंगलादेश के ब्राह्मणबारिया ग्रिड को 100 मेगावाट बिजली प्रदान कर रहा है और पड़ोसी देश के लिए आपूर्ति बढ़ाने की योजना बना रहा है।
बिजली मंत्री ने कहा कि बंगलादेश में लगभग 1400 मेगावाट बिजली की कमी है और यदि हम अपनी उत्पादन क्षमता में बड़े पैमाने पर सुधार करते हैं तो त्रिपुरा के पास मौजूदा आपूर्ति की मात्रा बढ़ाने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा अधिकांश रूप से प्राकृतिक गैस के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है और अब गैर-पारंपरिक स्रोतों द्वारा बिजली उत्पादन करने के लिए प्रयासरत है।
ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से बिजली उत्पन्न करने पर विचार करते हुए नाथ ने कहा कि भले ही वाणिज्यिक और औद्योगिक आवश्यकताओं में बहुत ज्यादा वृद्धि न हो, फिर भी राज्य में बिजली की खपत 2030-31 तक कम से कम 700 मेगावाट तक पहुंच जाएगी, हालांकि वर्तमान स्थिति में इसकी संभावना नहीं लगती है।
सूत्रों के अनुसार त्रिपुरा में एक पनबिजली परियोजना सहित सभी तीन उत्पादन स्टेशनों के माध्यम से लगभग 115 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इसे ओएनजीसी त्रिपुरा पावर कंपनी (ओपीटीसी) से लगभग 150 मेगावाट और नीपको द्वारा संचालित मोनर्चक संयंत्र से 92 मेगावाट की आपूर्ति होती है, जबकि प्रचंड गर्मी के दिनों और त्योहारों के अवसर को छोड़कर राज्य के 9.33 लाख उपभोक्ताओं की मांग 240 मेगावाट है।
इसके बावजूद ओटीपीसी और नीपको दोनों शुरुआत से ओएनजीसी से गैस की अपर्याप्त आपूर्ति के कारण अपनी पूरी क्षमता से विद्युत उत्पादन करने में असमर्थ रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने दावा किया कि ओटीपीसी संयंत्र अपनी 726 मेगावाट की उत्पादन क्षमता में से केवल 550 मेगावाट का उत्पादन कर रहा है, जबकि नीपको 101 मेगावाट की अपनी उत्पादन क्षमता के मुकाबले मोनार्चक परियोजना से लगभग 95 मेगावाट का उत्पादन कर रहा है।